देशव्यापी साइबर धोखाधड़ी: CBI ने शुरू की 8.5 लाख म्यूल खातों की जांच, बैंक अधिकारियों से होगी पूछताछ

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 जुलाई: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक देशव्यापी साजिश का भंडाफोड़ करते हुए 8.5 लाख म्यूल खातों के संचालन में साइबर अपराध सिंडिकेट्स की भूमिका उजागर की है। CBI ने हाल ही में इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और अब संदिग्ध बैंक अधिकारियों से पूछताछ की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

CBI अधिकारियों के अनुसार, इन खातों का उपयोग डिजिटल धोखाधड़ी से अर्जित धन को वैध रूप देने के लिए किया गया। प्रारंभिक जांच के बाद एजेंसी ने पाया कि म्यूल खातों में भारी मात्रा में संदिग्ध लेन-देन के बावजूद बैंक अधिकारियों द्वारा संदिग्ध लेन-देन रिपोर्ट (STR) तैयार नहीं की गई। यह RBI के नियमों का सीधा उल्लंघन है।

एफआईआर में कहा गया है कि खाता खोलने के दौरान ग्राहक की उचित जांच (Customer Due Diligence – CDD) नहीं की गई, जिससे वित्तीय जोखिम का मूल्यांकन अस्थिर रहा। जांच में यह भी सामने आया कि इन खातों में से कई फर्जी दस्तावेजों के जरिए खोले गए थे, और कुछ मामलों में खाताधारकों की जानकारी के बिना ही बैंकिंग गतिविधियां शुरू हो गई थीं।

CBI की जांच में अब तक देशभर के 743 बैंक शाखाओं में 8.50 लाख से अधिक ऐसे म्यूल खातों की पहचान की गई है। पिछले सप्ताह की गई छापेमारी में एजेंसी ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है और 37 व्यक्तियों को आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।

CBI ने कहा कि इन खातों को साइबर अपराधियों ने फर्जी पहचान, जालसाजी और धोखाधड़ी के जरिए संचालित किया। कई मामले ऐसे भी पाए गए, जहां खातों का संचालन अशिक्षित या आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के नाम पर किया गया। इन खातों को अक्सर बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट्स के जरिए खोला गया, जिससे बैंक शाखाओं की पारंपरिक निगरानी प्रणाली को दरकिनार किया जा सका और UPI जैसे डिजिटल माध्यमों से लेन-देन किया गया।

जांच में यह भी सामने आया कि बैंक शाखाओं ने खाता खुलने के बाद ग्राहकों को धन्यवाद पत्र या पुष्टि पत्र नहीं भेजे, जो कि पते की पुष्टि के लिए आवश्यक माने जाते हैं।

CBI ने इस पूरे नेटवर्क में बिचौलियों की भी भूमिका उजागर की है, जिन्होंने बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट्स और अधिकारियों की मिलीभगत से म्यूल खाते खुलवाए और साइबर धोखाधड़ी से कमाई गई रकम को इन खातों में ट्रांसफर कराया।

एजेंसी ने इस मामले को देश के बैंकिंग तंत्र में गहरी सेंध बताते हुए कहा है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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