सीबीआई ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रारंभिक जांच दर्ज की

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26नवंबर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रारंभिक जांच भ्रष्टाचार निरोधक निकाय लोकपाल से मामले को संदर्भित किये जाने पर दर्ज की है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों को लेकर मोइत्रा के खिलाफ एक शिकायत के साथ लोकपाल का रुख किया था. इस मुद्दे पर सीबीआई या लोकपाल की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है.

दुबे ने मोइत्रा पर मौद्रिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया है. लोकसभा की आचार समिति ने भी मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच कर अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंप दी है.

सीबीआई ने एक प्रारंभिक जांच दर्ज की है जो यह पता लगाने की दिशा में पहला कदम है कि क्या आरोप पूर्ण स्तरीय जांच के योग्य हैं. प्रारंभिक जांच के दौरान यदि पर्याप्त प्रथम दृष्टया सामग्री मिलती है, तो सीबीआई इसे प्राथमिकी में बदल सकती है.

दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. मोइत्रा ने कोई भी गलत काम करने से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अडाणी समूह के सौदों पर सवाल उठाए थे.

सूत्रों ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने संसद में सवाल उठाने के आरोपों की जांच के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच शुरू की है.

इस संबंध में एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने कहा कि कोई प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज नहीं की गई है, हालांकि जांच शुरू कर दी गई है, क्योंकि मामला भ्रष्टाचार विरोधी निकाय लोकपाल द्वारा भेजा गया था.

सीबीआई अधिकारी ने एएनआई को बताया, “लोकपाल द्वारा हमें जो मामला भेजा गया था, हम उसकी जांच कर रहे हैं. हमें इस मामले में अभी और जानकारी जुटानी है.” महुआ मोइत्रा को अपने खिलाफ “कैश-फॉर-क्वेरी” आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। लोकसभा आचार समिति ने हाल ही में उन्हें निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है.

लोकसभा आचार समिति ने कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच की और 6:4 बहुमत के साथ मोइत्रा के खिलाफ रिपोर्ट को अपनाया और टीएमसी सदस्य को निष्कासित करने की सिफारिश की. मोइत्रा अपने खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों को लेकर 2 नवंबर को लोकसभा आचार समिति के सामने पेश हुई थीं.

पैनल के विपक्षी सदस्यों के साथ, वह गुरुवार को बैठक से “बाहर चली गईं”. विपक्षी सदस्यों ने सवाल पूछने की लाइन पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद से “व्यक्तिगत सवाल” पूछे गए. बसपा सांसद दानिश अली, जनता दल (यूनाइटेड) सांसद गिरिधारी यादव और कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी उन लोगों में शामिल थे जो बैठक से बाहर चले गए.

मोइत्रा ने आरोप लगाया कि उन्हें पैनल से अपमानजनक व्यक्तिगत सवालों का सामना करना पड़ा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में मोइत्रा ने कहा कि बैठक के दौरान उनके साथ ”अनैतिक, घिनौना, पूर्वाग्रहपूर्ण व्यवहार किया गया.”

इससे पहले निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से संपर्क किया था और उन पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.

आचार समिति ने आईपी पते और स्थान के संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और गृह मंत्रालय (एमएचए) से विवरण रिपोर्ट मांगी थी. समिति ने धारा आईटी अधिनियम 2000 के तहत कानूनी परिणामों पर जोर देते हुए, लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करने के खतरों पर एमएचए से इनपुट भी मांगा था. समझा जाता है कि मसौदा रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि “महुआ मोइत्रा के गंभीर दुष्कर्मों के लिए कड़ी सजा की जरूरत है”. लोकसभा आचार समिति की रिपोर्ट अब स्पीकर ओम बिरला के पास है जो तृणमूल सांसद के भाग्य पर अंतिम फैसला लेंगे.
इनपुट-एजेंसी

Comments are closed.