बेहद सादगी और कोरोना से जुड़े सभी दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन करते हुए मनाया गया सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव जी का 82वां जन्मदिन
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 23नवंबर।
कोरोना महामारी के कारण समाजवादी पार्टी दिल्ली प्रदेश ने अपने वरिष्ठ नेता और पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव जी का 82वां जन्मदिन सादगी के साथ मनाया। इस दौरान कोरोना से जुड़े सभी दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया।
इस अवसर पर जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सपा दिल्ली प्रदेश की पूर्व अध्यक्ष उषा यादव और पूर्व प्रमुख महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता आर.एस. यादव सहित कई कार्यकर्ताओं ने मुलायम सिंह यादव के स्वस्थ एवं लंबी उम्र की कामना की और उनके दिखाये रास्ते पर चलकर दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में पार्टी को सत्ता में लाने का संकल्प लिया।
कार्यकर्ताओं दिये गये अपने संदेश में उषा यादव ने कहा कि हम दिल्ली समाजवादी पार्टी के लोग आज जंतर-मंतर पर अपने प्रिय नेता धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादवजी का 82वां जन्म दिन मनाने के लिये इकट्ठा हुए हैं। आज का दिन उन ताकतों के खिलाफ संघर्ष को तेज करने के लिये संकल्प लेने का दिन है जो समाज को साम्प्रदायिकता, जाति और धर्म के आधार पर बांटकर पूंजीपतियों और उच्च वर्ग के लोगों के साथ गठजोड़ करके दिल्ली प्रदेश और देश की सत्ता पर काबिज हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए आर. एस. यादव ने कहा कि आजादी के पहले और उसके बाद से ही समाजवादी विचारधारा के लोग उन 5 फीसदी ताकतों के साथ संघर्ष कर रहे हैं, जो एक साजिश के तहत अपने स्वार्थ के लिये देश की 95 फीसदी आबादी का शोषण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी का बड़ा हिस्सा अभी भी नारकीय जीवन जीने को अभिशप्त है। इसके पीछे यही ताकतें जिम्मेददार हैं। आज पूरी दिल्ली कोरोना महामारी की तीसरी लहर झेल रही है। ऊपर से प्रदूषण की मार। बुजुर्ग और बच्चे इसकी वजह से बेमौत मरने को मजबूर हैं। इस दयनीय स्थिति के लिये सत्ता में बैठे आम आदमी पार्टी और भाजपा के लोग सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं।
आर. एस. यादव ने कहा कि देश को आजाद हुए 73 साल हो गये। नेताजी की भविष्यवाणी बिलकुल सही साबित हो रही है। पहले जो लुटेरे थे वे आज और अधिक मजबूत हो गये हैं। गरीब जनता पहले से भी अधिक गरीब हुई है। लुटेरों के लिये देश में कोई नियम-कानून नहीं है। ये पैसा लूटकर बड़ी आसानी से विदेश में भी बस जाते हैं। वहीं, गरीब जनता अपने देश ही तिल-तिल मरने को मजबूर है। गरीब कर्ज नहीं दे पाता है तो उसके जमीन-जायदाद की कुर्की की जाती है, लेकिन अमीर का कर्ज सरकार माफ कर देती है।
आर. एस. यादव ने कहा कि ऐसा इसलिये हो रहा है क्योंकि धनपशुओं के पैसे से राजनीति करने वाली ताकतें आज दिल्ली और देश के शासनतंत्र पर काबिज हैं। मेरा सीधा-सीधा आरोप है कि आम आदमी पार्टी और भाजपा के लोग आपस में मिले हुए हैं। ये दोनों दल जनता को भ्रमित करने के लिये आपस में नूराकुश्ती कर रहे हैं। मैं इस आरोप को तथ्यों के साबित कर सकता हूं। आम आदमी पार्टी मुफ्त बिजली-पानी का ढोल पीट रही है, लेकिन फेस मास्क नहीं लगाने के नाम पर आम आदमी से ही 2 हजार रुपये की वसूली में जुटी हुई है। केवल 200 यूनिट मुफ्त बिजली का झुनझुना थमाकर मध्यम वर्ग को भारी-भरकम बिल भेजा जा रहा है। चार साल पहले जिनके बिजली का बिल 5 हजार रुपये आता था, अब उनका बिल 25 हजार हो गया है। अगर बिजली मुफ्त है तो बिजली कंपनियों को 16 प्रतिशत मुनाफा कैसे हो रहा है। जाहिर है मुफ्त की आड़ में सत्ताधारी-कारपोरेट तंत्र आम आदमी को दोनों हाथों से लूट रहा है।
आर. एस. यादव ने कहा कि साम्प्रदायिक और प्रतिक्रियावादी ताकतों के हाथ में सत्ता चली जाने के कारण इस समय देश के हालात और अधिक खराब हो गये हैं। हम गांव-गरीब-किसान-नौजवान और महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ने वाले लोग हैं। नेताजी के दिखाये रास्ते अनुरूप समाजवादी पार्टी ने हमेशा इन लोगों की आवाज को बुलंद किया है। कोरोना से निपटने के लिये भाजपा ने लोगों से थाली और ताली बजवाया। डाॅक्टरों के ऊपर फूल बरसाये तो आम आदमी पार्टी ने भी इनका समर्थन किया। आज दिल्ली की जनता कोरोना की मार से कराह रही है। डाॅक्टरों को तीन महीने से तनख्वाह नहीं मिली है और वे हड़ताल पर हैं। केजरीवाल सरकार प्रदूषण के लिये पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने प्रचार में पोस्टर और बैनर लगवाने में व्ययस्त हैं। इनकी पार्टी के नेता भाजपा के एजेंडे पर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के खिलाफ अभी से दुष्प्रचार कर रहे हैं। क्या इन लोगों को उच्चतम न्यायालय की वह टिप्पणी याद नहीं है, जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में जंगल राज है। सपा तो यूपी की सत्ता में है ही नहीं, फिर आप के नेता सपा पर क्यों हमला कर रहे हैं। जवाब साफ है। इनकी भाजपा से सांठ-गांठ है। दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे है। इनको गरीबों की चिंता नहीं है। इन्हें तो अपने अमीर पूंजीपति आकाओं की झोली भरने की चिंता है।
आर. एस. यादव ने कहा कि दिल्ली में केंद्र और एमसीडी पर तो भाजपा काबिज है। राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार है। फिर कभी सफाईकर्मियों का वेतन रोक लिया जाता है तो कभी डाॅक्टरों का वेतन रोक लिया जाता है। जब ये लोग मजबूरी में हड़ताल करते हैं तो आम जनता परेशान होती है। गंदगी से बीमारी फैलती है। आम आदमी बीमार होने पर सरकारी अस्पताल की तरफ जाता है, क्योंकि उसके पास प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिये पैसे ही नहीं है। लेकिन अस्पताल में डाॅक्टर नहीं मिलते हैं, क्योंकि वेतन नहीं मिलने के कारण वे हड़ताल पर रहते हैं। एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में, फिर तीसरे और फिर चैथे में और फिर मौत। ऐसी कई खबरें आये दिन मीडिया की सुर्खी बनी हैं कि इलाज के अभाव में अस्पताल के चक्कर काट-काटकर मरीज ने दम तोड़ दिया।
आर. एस. यादव ने कहा कि समाजवादवादी पार्टी गांव गरीब किसान नौजवान महिला और दबे कुचले मजलूमों की लड़ाई को तेज करेगी। ईमानदार को गरीब बनाने वाली इन ताकतों पर हम सब मिलकर जोरदार प्रहार करेंगे। इनको सत्ता से बाहर करके ही समाज में पैदा हुए आज के संकट का समाधान निकाला जा सकता है। ये लोग तानाशाह हैं। इनको मजलूमों के कष्ट से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे नेताजी अखाड़े के पहलवान रह चुके हैं। अखाड़ों से सीखे गये दांव-पेंच का उन्होंने राजनीति में बखूबी इस्तेमाल किया है। उन्होंने जमीन से जुड़कर राजनीति की है। डाॅ. राममनोहर लोहिया, राजनारायण, चैधरी चरण सिंह जैसे नेताओं की विचारधारा को अपनाकर उन्होंने समाजवाद के संघर्ष का परचम नई ऊंचाई पर फहराया है। हम इसे और आगे ले जाने के लिये दृढ़ संकल्पित हैं। हम सैकड़ा में 95 बनाम 5 की लड़ाई को अंजाम तक पहुचाकर ही दम लेंगे। पांच फीसदी लोग 95 को गरीब बनाकर नहीं रख सकते हैं। हम नेताजी के सपनों को साकार करने के लिये दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अपने संघर्ष को सड़क पर उतारें और इन ताकतों को सत्ता से बाहर करने के लिये संकल्प लें। यही नेताजी माननीय मुलायम सिंह यादवजी को उनके जन्मदिन का सबसे बड़ा तोहफा होगा।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी दिल्ली प्रदेश के नेता रामप्रकाश गौतम, करन यादव, सौरभ यादव, खुशी सिंह, प्रदीप कुमार गुर्जर, प्रमोद कुमार, सोनू पहलवान, हरिहर यादव, अजय चैधरी, नितिन कुमार, पंडित विशाल शर्मा और अंशुल कुमार सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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