जनगणना-2027: भारत में पहली बार डिजिटल और जाति आधारित जनगणना, तैयारी शुरू

समग्र समाचार सेवा,

नई दिल्ली, 5 जून: भारत सरकार ने 2027 में होने वाली 16वीं जनगणना की योजना की घोषणा की है, जिसमें पहली बार जाति आधारित गणना और डिजिटल माध्यम से आत्म-गणना की सुविधा भी शामिल होगी। यह ऐतिहासिक जनगणना 16 वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित की जा रही है, क्योंकि पिछली जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी। इसके लिए संदर्भ तिथियाँ तय की गई हैं:

  • बर्फ से ढके क्षेत्रों (जैसे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से) के लिए: 1 अक्टूबर 2026

  • देश के बाकी हिस्सों के लिए: 1 मार्च 2027

गृह मंत्रालय ने कहा, “जनगणना-2027 के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 की 00:00 बजे होगी, जबकि लद्दाख जैसे क्षेत्रों के लिए यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 निर्धारित की गई है।”

30 लाख से अधिक गणक होंगे शामिल

इस वृहद कार्य को पूरा करने के लिए 30 लाख से अधिक गणकों और पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया जाएगा। इससे पहले इन सभी को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि प्रक्रिया सुचारू और सटीक हो।

जाति आधारित जनगणना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1881 से 1931 के बीच ब्रिटिश शासनकाल में अंतिम जाति आधारित व्यापक जनगणना की गई थी। हालांकि 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) हुई थी, लेकिन उसका डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया। हाल के वर्षों में बिहार और तेलंगाना ने स्वतंत्र रूप से जाति सर्वेक्षण कराए हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने यह अहम निर्णय लिया है।

डिजिटल आत्म-गणना की सुविधा

जनगणना-2027 देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें नागरिक मोबाइल ऐप या वेबसाइट के माध्यम से स्वयं अपनी जानकारी दर्ज कर सकेंगे। इससे पारदर्शिता और जनभागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर असमंजस

अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि जनगणना के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को भी अपडेट किया जाएगा या नहीं। 2020 में इसकी योजना थी, परंतु कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

अधिसूचना और पूर्व तैयारियाँ

गृह मंत्रालय के अनुसार, जनगणना संदर्भ तिथियों की अधिसूचना 16 जून 2025 को राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। घरों की सूची बनाने की प्रक्रिया अप्रैल 2026 से शुरू होने की संभावना है।

व्यय और कानूनी आधार

जनगणना की पूरी प्रक्रिया पर 13,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च आने की संभावना है। यह कार्य जनगणना अधिनियम 1948 और जनगणना नियम 1990 के तहत संपन्न होगा।

 पृष्ठभूमि जानकारी

  • पिछली जनगणना: वर्ष 2011

  • निर्धारित जनगणना 2021: कोविड-19 के कारण स्थगित

  • पहला चरण (2026): घरों की सूची

  • दूसरा चरण (2027): जनसंख्या गणना और जाति गणना

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