केंद्र तथा राज्य कीटनाशकों तथा बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एकसाथ मिलकर काम करेंगे : श्री नरेन्द्र सिंह तोमर

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20अप्रैल। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 19 अप्रैल को नई दिल्ली के एनएएससी परिसर में कृषि के लिए खरीफ अभियान 2022-23 पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। श्री तोमर ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि द्वितीय अग्रिम आकलनों (2021-22) के अनुसार, देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन 3160 लाख टन अनुमानित है जो एक सर्वकालिक रिकॉर्ड होगा। दलहन और तिलहन का उत्पादन क्रमशः 269.5 तथा 371.5 लाख टन होगा। तृतीय अग्रिम आकलनों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान बागवानी उत्पादन 3310.5 लाख टन होगा जो भारतीय बागवानी क्षेत्र के लिए सर्वकालिक उच्चतम है। श्री तोमर ने कहा कि किसानों के लिए इनपुट लागतों में कमी लाने के लिए केंद्र तथा राज्य कीटनाशकों तथा बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक साथ मिल कर काम करेंगे। उन्होंने आग्रह किया कि यूरिया को नैनो-यूरिया के साथ विस्थापित करने के लिए एक कार्यनीति होनी चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि सरकार को प्राकृतिक तथा जैविक कृषि पर जोर देना जारी रखना चाहिए। निर्यात के संबंध में श्री तोमर ने कहा कि जहां कृषि निर्यातों में बढोतरी हुई है, गुणवत्ता उत्पादों पर ध्यान दिया जाना चाहिए जिससे कि वे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा कर सकें। उन्होंने कहा कि निर्यातकों और किसानों दोनों को लाभ पहुंचना चाहिए।

इस सम्मेलन का उद्देश्‍य फसलों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए पूर्ववर्ती फसल सीजनों के दौरान फसल निष्पादन की समीक्षा तथा आकलन करना और राज्य सरकारों के परामर्श के साथ खरीफ सीजन के लिए फसल-वार लक्ष्य निर्धारित करना, महत्वपूर्ण इनपुटों की आपूर्ति सुनिश्चित करना तथा नवोन्मेषी प्रौद्योगिकीयों के अंगीकरण को सुगम बनाना है। सरकार की प्राथमिकता चावल एवं गेहूं जैसी अत्यधिक वस्तुओं से तिलहन एवं दलहन जैसी कमी वाली वस्तुओं तथा उच्च मूल्य निर्यात अर्जित करने वाली फसलों की तरफ भूमि का विचलन करने के लिए कृषि-पारिस्थितिकी आधारित फसल योजना निर्माण करने की है। सरकार तिलहनों एवं दलहनों में स्व पर्याप्तता एवं पाम ऑयल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए फसल विविधीकरण को उच्च प्राथमिकता दे रही है। देश में फसल विविधीकरण कार्यक्रम के लिए एक राष्ट्रीय नीति रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए प्रमुख राज्यों, शोधकर्ताओं, उद्योगों तथा नीति निर्माताओं जैसे सभी हितधारकों के साथ विचार विमर्श किया गया है। सभी राज्यों को कृषि को टिकाऊ, लाभप्रद तथा कमी वाली फसलों में स्व-निर्भर बनाने के लिए फसल विविधीकरण की दिशा में कार्य करना चाहिए।

सम्मेलन में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए खाद्यान्न का राष्ट्रीय लक्ष्य चालू वर्ष के दौरान 3160 लाख टन के अनुमानित उत्पादन की तुलना में 3280 लाख टन निर्धारित किया गया है। दलहन तथा तिलहन के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए खाद्यान्न का राष्ट्रीय लक्ष्य क्रमशः 295.5 लाख टन एवं 413.4 लाख टन निर्धारित किया गया है। पोषक अनाजों के उत्पादन का लक्ष्य वित्त वर्ष 2021-22 के 115.3 लाख टन से बढ़ा कर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 205.0 लाख टन कर दिया गया है। कार्यनीति अंतर फसल तथा फसल विविधीकरण के माध्यम से क्षेत्र को बढ़ाने तथा एचवाईवी को लागू करने और निम्न ऊपज वाले क्षेत्रों में उपयुक्त कृषि पद्धतियों को अपनाने के माध्यम से उत्पादकता में वृद्धि करने की होगी।

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