समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7नवंबर।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2013 के बाद से अबतक लगभग 4.39 करोड़ फर्जी राशन कार्डों को कैंसिल कर दिया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभार्थियों के सही लक्ष्य तय करने के लिए ऐसा किया गया है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि गलतियां पाए जाने के कारण इन राशन कार्डों को निरस्त किया गया है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि निरस्त किये गए राशन कार्ड के स्थान पर नए राशन कार्ड नियमित रूप से सही और पात्र लाभार्थियों या घरों को जारी किए जा रहे हैं. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2013 से 2020 तक की अवधि के दौरान देश में राज्य सरकारों द्वारा अब तक कुल 4.39 करोड़ अयोग्य या फर्जी राशन कार्डों को निरस्त किया गया है।
इसके पीछे की ये वजह बताई गई है कि यह काम पीडीएस के आधुनिकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों के बीच किया गया है. पीडीएस में पारदर्शिता लाने और दक्षता में सुधार करने के लिए सरकार ने लाभार्थियों के डेटाबेस का डिजिटलीकरण किया है और इसे आधार संख्या का दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है जिससे अयोग्य और फर्जी राशन कार्डों का पता लगाने में मदद मिली है।
बता दें फिलहाल देश में केंद्र सरकार की तरफ से 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने तीन रुपये, दो रुपये और एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खाद्यान्न (चावल, गेहूं और अन्य मोटे अनाज) उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं अब राशन कार्ड को आधार से लिंक कराना अनिवार्य हो गया है। सरकार ने इस साल देश में वन नेशन वन राशन कार्ड को लागू था. इसके जरिए आप देश के किसी भी हिस्से में अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं।
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