समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24दिसंबर।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर बीते 29 दिनों से किसान डटे हैं। किसानों का साफ कहना है कि जब तक सरकार बिल वापस नहीं लेती तब तक वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। वहीं, सरकार और किसानों की बातचीत के कई दौर बेनतीजा रहने के बाद एक बार फिर से सरकार की ओर से पहल की गई है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने संयुक्त किसान मोर्चा की चिट्ठी का जवाब देते हुए बातचीत के लिए फिर से न्योता दिया है।
चिट्ठी में सरकार ने किसानों से बातचीत का समय और तारीख तय करने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि सरकार किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों के तर्कसंगत समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को चिट्ठी लिख कहा था कि वह तीनों कानूनों को निरस्त करवाना चाहती है। हालांकि किसान मोर्चा ने यह भी कहा था कि सरकार साफ नीयत से बातचीत करे तो किसान संगठन इसके लिए तैयार हैं।
अब सरकार ने इसी के जवाब में किसान संगठनों को बातचीत की तारीख बताने को कहा है। साथ ही उन्हें उन अन्य मुद्दों की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है जिन पर वो वार्ता करना चाहते हैं। सरकार ने ये भी कहा है कि तीनों कानूनों में एमएसपी की बात नहीं है, सरकार पहले ही सरकार इसे लेकर वर्तमान व्यवस्था चालू रहने के लिए लिखित आश्वासन देने को तैयार हो चुकी है, ऐसे में कानून से बाहर जाकर इसकी कोई मांग तर्कसंगत नहीं है।
बता दें कि इससे पहले भी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को 8 पन्नों की चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था, ‘देश का कृषि मंत्री होने के नाते, मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं, हर किसान की चिंता दूर करूं। मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में जो झूठ की दीवार बनाने की साजिश रची जा रही है, उसकी सच्चाई और सही वस्तुस्थिति आपके सामने रखूं।’
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