Champions Trophy: ‘5 स्पिनर, दुबई में अब भी सर्दी…’, वर्ल्ड चैंपियन कोच ने टीम इंडिया के सेलेक्शन पर उठाए सवाल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 फरवरी। भारत में क्रिकेट का हर मैच एक उत्सव जैसा होता है, लेकिन जब बात अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की हो, तो उम्मीदें और दबाव दोनों ही अधिक हो जाते हैं। इस समय Champions Trophy के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन सुर्खियों में है, और इस पर सवाल भी उठ रहे हैं। खासकर, वर्ल्ड चैंपियन कोच ने भारतीय टीम के सेलेक्शन को लेकर कई अहम सवाल खड़े किए हैं।

क्या था कोच का बयान?

भारतीय टीम के वर्ल्ड चैंपियन कोच ने अपनी चिंता जताते हुए कहा कि भारतीय चयनकर्ताओं ने जो टीम चुनी है, उसमें पांच स्पिनरों को शामिल करना समझ से परे है, खासकर जब यह टूर्नामेंट दुबई जैसे गर्म और आर्द्र मौसम में खेला जा रहा है। उन्होंने कहा, “दुबई में अब भी सर्दी है, ऐसे में पांच स्पिनरों का चयन सही नहीं लगता। टीम में गति और संतुलन दोनों की जरूरत है।”

दुबई में मौसम की चुनौती

दुबई में मौसम का मुद्दा सचमुच अहम है। इस इलाके में गर्मी के मौसम में पिचें और गेंदबाजी का व्यवहार अलग होता है। वहां की पिचों पर आमतौर पर स्पिनर्स को ज्यादा मदद नहीं मिलती। फिर भी, भारतीय चयनकर्ताओं ने टीम में पांच स्पिनरों का चयन किया है, जिनमें कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, रविचंद्रन अश्विन, रवि बिश्नोई और अक्षर पटेल शामिल हैं।

दूसरी ओर, तेज गेंदबाजों को लेकर केवल मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव को ही जगह मिली है। कोच का यह मानना है कि टीम में तेज गेंदबाजों की कमी से बैलेंस प्रभावित हो सकता है, क्योंकि दुबई की पिचें स्पिन के बजाय तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार होती हैं, खासकर जब हवा और मौसम में ठंडक हो।

स्पिनरों के चयन पर सवाल

वर्ल्ड चैंपियन कोच ने स्पिनर्स के चयन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप पांच स्पिनरों को टीम में ले आते हैं, तो इसका मतलब है कि आप तेज गेंदबाजों के विकल्प को नजरअंदाज कर रहे हैं, जो कि टूर्नामेंट के दौरान नुकसान का कारण बन सकता है। हमें ऐसे संतुलित टीम की आवश्यकता है, जिसमें स्पिनर्स और तेज गेंदबाजों का सही मिश्रण हो, ताकि किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सके।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय टीम को अपनी गेंदबाजी पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बल्लेबाजों के अच्छे प्रदर्शन पर ज्यादा निर्भर नहीं होना चाहिए। तेज गेंदबाजों का चुनाव और उनका फिट होना इस टूर्नामेंट में निर्णायक साबित हो सकता है।

टीम इंडिया का संतुलन और चयन

टीम इंडिया का चयन हमेशा ही विवादों का विषय रहा है, और इस बार भी कुछ चयनों को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि, चयनकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने टीम में अनुभव और विविधता का ध्यान रखते हुए स्पिनरों का चयन किया है। उनका यह मानना है कि कुछ मैचों में स्पिनरों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर जब पिचों पर अचानक बदलाव आएं।

लेकिन कोच का कहना है कि एक मजबूत टीम का मतलब सभी पहलुओं का संतुलित मिश्रण है। टीम में न केवल बल्लेबाजों और स्पिनरों का, बल्कि तेज गेंदबाजों और आलराउंडर्स का भी समान योगदान होना चाहिए।

क्या यह चयन सही है?

इस पर प्रतिक्रिया मिलनी शुरू हो गई है कि क्या इस चयन ने भारतीय टीम के चैंपियन बनने की उम्मीदों को मजबूत किया है या इसे एक जोखिम माना जाए। हालांकि, कोच का यह बयान स्पष्ट करता है कि उन्हें टीम के संतुलन में कुछ सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है।

निष्कर्ष

Champions Trophy जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए टीम का चयन बेहद अहम है। टीम इंडिया ने अपनी चयन नीति में विविधता दिखाने का प्रयास किया है, लेकिन वर्ल्ड चैंपियन कोच के सवाल यह दर्शाते हैं कि टीम के संतुलन में कुछ और विचार किए जाने की आवश्यकता है। स्पिनरों की अधिकता और तेज गेंदबाजों की कमी इस चयन को लेकर गंभीर सवाल उठा रही है। अब देखना यह होगा कि क्या चयनकर्ताओं का यह फैसला सही साबित होता है या यह टीम इंडिया के लिए मुश्किलें पैदा करता है।

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