चंडीगढ़ में सामाजिक कल्याण का नया अध्याय: पेंशन वृद्धि और भिक्षावृत्ति मुक्त शहर की पहल
चंडीगढ़ प्रशासन की समाज कल्याण समिति की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, जानें क्या है खास
- वृद्ध, विधवा और विकलांग पेंशन में वृद्धि की सिफारिश: समिति ने मासिक पेंशन को ₹1000 से बढ़ाकर ₹2000 करने की सिफारिश की।
- शाम की OPD की शुरुआत: शहर की डिस्पेंसरियों में जल्द ही शाम की OPD सेवा शुरू होगी, जिससे लोगों को इलाज में सुविधा मिलेगी।
- चंडीगढ़ को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने का लक्ष्य: दिसंबर 2025 तक शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा।
समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 3 अगस्त, 2025 – चंडीगढ़ प्रशासन की समाज कल्याण समिति ने शहर के वृद्ध, विधवा और विकलांग नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पूर्व सांसद श्री सत्य पाल जैन की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में समिति ने केंद्र सरकार से एक बार फिर जोरदार अपील की है कि वह मासिक पेंशन राशि को ₹1000 से बढ़ाकर ₹2000 प्रति माह करने के प्रस्ताव को तुरंत मंजूरी दे। इस निर्णय से लगभग 35,000 परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
पेंशन वृद्धि की मांग क्यों?
समिति ने अपनी सिफारिश में इस बात पर जोर दिया कि पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा पहले ही यह पेंशन राशि बढ़ाकर लगभग ₹6000 प्रति माह कर चुके हैं। चंडीगढ़ जैसे एक आधुनिक शहर में जीवन-यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए, ₹1000 की मौजूदा पेंशन राशि अपर्याप्त है। ₹2000 की बढ़ी हुई पेंशन से इन कमजोर वर्गों को आर्थिक रूप से थोड़ी राहत मिलेगी और वे सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। यह कदम चंडीगढ़ प्रशासन की सामाजिक न्याय और कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
शाम की ओपीडी सेवा: स्वास्थ्य सुविधा में सुधार
स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से, समिति ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। शहर की लगभग सभी डिस्पेंसरियों में इवनिंग ओपीडी (Outpatient Department) सेवा शुरू की जाएगी। इस पहल से उन लोगों को बहुत फायदा होगा जो दिन के समय काम के कारण इलाज के लिए नहीं जा पाते। स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना के लिए लगभग ₹15 करोड़ का बजट तैयार किया है और जल्द ही इसे प्रशासन को मंजूरी के लिए सौंपा जाएगा। मंजूरी मिलते ही इस योजना को लागू कर दिया जाएगा, जिससे शहर के लोगों को शाम के समय भी चिकित्सा परामर्श और उपचार मिल सकेगा।
चंडीगढ़ को ‘भिक्षावृत्ति मुक्त शहर’ बनाने की पहल
समिति की बैठक में दिसंबर 2025 तक चंडीगढ़ को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने का संकल्प लिया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत, सबसे पहले भीख मांगने वाले बच्चों को मुक्त कराया जाएगा, और फिर उनके पुनर्वास के लिए कदम उठाए जाएंगे। इस पहल के लिए, प्रशासन ने एक विस्तृत योजना तैयार करने के लिए ‘उम्मीद’ नामक संस्था के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। पिछले दो सालों में, इस दिशा में किए गए प्रयासों से 2024 में 42 और 2025 में 18 बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया है, जो इस अभियान की सफलता की उम्मीद जगाता है।
गुमशुदा बच्चों की तलाश जारी
पुलिस विभाग ने बैठक में गुमशुदा बच्चों के बारे में जानकारी दी। चंडीगढ़ में पिछले कई सालों से 63 बच्चे लापता थे, जिनमें से 32 बच्चों को ढूंढ लिया गया है। पुलिस बाकी बचे 31 बच्चों की तलाश के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है। समिति ने इस दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना की और बच्चों को जल्द से जल्द ढूंढ निकालने पर जोर दिया।
शहर के नागरिकों के लिए ‘मजदूर भवन’ का प्रस्ताव
बैठक में मजदूरों के लिए ‘मजदूर भवन’ के निर्माण पर भी चर्चा हुई। समिति के अध्यक्ष श्री सत्य पाल जैन को एक उपसमिति बनाने के लिए अधिकृत किया गया है। यह उपसमिति लेबर चौक 44 और उसके आसपास के क्षेत्रों का दौरा करेगी और मजदूर भवन के निर्माण के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस भवन से मजदूरों को एक सुरक्षित और संगठित स्थान मिल सकेगा। इसके अलावा, सितंबर-अक्टूबर में एक सम्मेलन आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया करेंगे। इस सम्मेलन में शहर के नागरिकों को भारत सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.