अंग्रेजी हुकूमत के आगे चंद्रशेखर आजाद ने नहीं टेके घुटनेः नीरज शर्मा

समग्र समाचार सेवा

इलाहाबाद, 1 मार्च। देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की 27 फरवरी को पुण्यतिथि है। इस दौरान एनआईटी से विधायक नीरज शर्मा ने इलाहाबाद में शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और देश के लिए दिए गए उनके बलिदान के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।

चंद्रशेखर आजाद की शहादत को किया नमन

शर्मा ने चंद्रशेखर आजाद की शहादत को नमन करते हुए कहा कि जंगे आजादी में अहम योगदान निभाने वाले चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजी हुकूमत के आगे नतमस्तक होने के बजाय खुद को गोली मारने का फैसला किया और अमर हो गए। आज हम जिस आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं।

देश की आजादी में उनका योगदान बेहन अहम

शर्मा ने आगे कहा कि भारत की आजादी में चंद्रशेखर आजाद का अहम योगदान रहा है। उन्होंने आगे बताया कि अपने मजबूत इरादों के चलते चंद्रशेखर आजाद क्रांति के प्रणेता बन गए थे और अपनी कुशल और आक्रामक रणनीति से उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को घुटनों पर ला कर रख दिया था।

चंद्रशेखर की जीवनी पर प्रकाश डाला

विधायक ने चंद्रशेखर आजाद की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए यह भी बताया कि आजाद महज 15 साल की उम्र में गांधी जी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए थे। उसी दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत में पेशी के दौरान जब जज ने उनका नाम पूछा, तब उन्होंने अपना नाम आजाद बताया था। यही नहीं आजाद ने अपने पिता का नाम स्वतंत्रता और घर का पता भी जेल बताया था। उनके जवाब से नाराज जज ने उन्हें 15 कोड़ों की सजा सुनाई थी जिसपर आजाद हर कोड़े पर वंदे मातरम और महात्मा गांधी की जय कहते रहे।

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