समग्र समाचार सेवा
लखनऊ,11 जुलाई: देश में धर्मांतरण को लेकर एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को भी हैरान कर दिया है। यूपी एटीएस की जांच में सामने आया है कि खुद को बाबा बताने वाला जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पिछले तीन सालों में करीब 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग हासिल कर चुका था। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मोटी रकम का इस्तेमाल संवेदनशील गतिविधियों जैसे धर्मांतरण में किया गया।
नेपाल के रास्ते हवाला से भारत पहुंचा पैसा
जांच में पता चला है कि कुल फंडिंग में से करीब 300 करोड़ रुपये नेपाल के रास्ते हवाला चैनल से भारत लाए गए। इसके लिए नेपाल के काठमांडू, नवलपरासी, रुपनदेही और बांके जैसे बॉर्डर जिलों में सौ से ज्यादा बैंक खाते खोले गए थे। पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों से भेजे गए इस पैसे को एजेंट्स ने भारत पहुंचाया।
कमीशन पर काम करते थे एजेंट
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक नेपाल में मौजूद एजेंट्स इस पैसे को छांगुर बाबा तक पहुंचाने में मदद करते थे और इसके बदले 4 से 5 फीसदी कमीशन लेते थे। कई बार कैश डिपॉजिट मशीन के जरिए भी यह पैसा जमा किया गया। बलरामपुर जिले के मधपुर गांव का रहने वाला छांगुर बाबा इस रैकेट का सरगना बताया जा रहा है।
अयोध्या को सबसे ज्यादा फंडिंग
जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि अयोध्या जिले में सबसे ज्यादा फंडिंग भेजी गई, जहां आरोप है कि हिन्दू लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया गया। यूपी के बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर के अलावा बिहार के मधुबनी, सीतामढ़ी, पुर्णिया जैसे जिलों में भी यह पैसा पहुंचा।
दो खातों में करोड़ों की रकम
एटीएस ने नवीन रोहरा के छह खातों से 34.22 करोड़ रुपये और नसीरीन नाम की महिला के खाते से 13.90 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। छांगुर बाबा के शारजाह और दुबई में भी खाते होने की आशंका है, जिनकी जांच अब विदेशों तक पहुंच गई है।
सरकारी जमीन पर बना महल गिराया
इतना ही नहीं, छांगुर बाबा ने बलरामपुर में सरकारी जमीन पर करीब 5 करोड़ रुपये की लागत से 40 कमरों का आलीशान बंगला खड़ा कर लिया था। तीन दिन चले बुलडोजर एक्शन में यह महल पूरी तरह ढहा दिया गया। प्रशासन अब छांगुर बाबा और उसके साथियों की पूरी संपत्ति का हिसाब जोड़ रहा है।
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