समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 17 नवंबर। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसानों के साथ बैठक करने के बाद प्रैस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया गया कि किसानों की सारी मांगें मान ली गई हैं। आज की बैठक 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ की गई है। कर्ज माफी छोड़कर बाकी मांगों को माैके पर ही मान लिया गया। चन्नी ने कहा कि किसान आंदोलन के जो भी पर्चे किसानों पर दर्ज किए गए हैं वे रद्द किए जाएंगे। पराली जलाने पर हुए पर्चे भी रद्द किए जाएंगे। किसान आश्वासन दें कि वे पराली नहीं जलाएंगे। पंजाब सरकार ने किसान संगठनों की कुल 18 में से 17 मांगें मानी हैं।
पंजाब सरकार दिवंगत आंदोलनकारी किसानों के आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देगी। किसान संगठनों से मृतक किसानों की सूची देने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की सरकार किसान संगठनों के साथ खड़ी है और अगर किसान कहें तो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा किसानों के साथ जाने को तैयार हैं। बैठक में चन्नी के अलावा कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा तथा 32 किसान संगठनों के एक-एक प्रतिनिधि ने भाग लिया। बताया जाता है कि किसानों ने बैठक में सरकार के समक्ष 18 मांगें रखी, जिनमें से 17 मान ली गई हैं। किसानों ने नष्ट हुई मक्की फसल पर मुआवजा देने, कर्ज, फरोजपुर घटना में शामिल शिरोमणि अकाली दल(शिअद) नेताओं की गिरफ्तारी, सब्जी उत्पादक किसानों को बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने, किसान आंदोलन के दौरान प्राण त्यागने वाले किसानों के आश्रितों को मुआवजा और रोजगार देने जैसी अन्य मांगें सीएम के समक्ष रखी थीं।
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