शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का अब भारत से शुरू होना सभी देशवासियों के लिए एक बेहद गौरवशाली क्षण है: किरेन रिजिजू
किरेन रिजिजू ने ऐतिहासिक लाल किले में आयोजित पहली शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले को सौंपने के समारोह में भाग लिया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20जून। केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने आज ऐतिहासिक लाल किले में आयोजित मशाल सौंपने के समारोह को संबोधित किया। प्रतिष्ठित लाल किला उन 75 ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, जो अपनी तरह के पहले 40-दिवसीय शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का हिस्सा हैं। इस अवसर पर फिडे के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच, खेल सचिव श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक श्री संदीप प्रधान, एआईसीएफ के अध्यक्ष श्री संजय कपूर, शतरंज के दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, साई, एआईसीएफ तथा फिडे से जुड़े अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
इस मशाल रिले समारोह का ऐतिहासिक शुभारंभ रविवार को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में आईजी स्टेडियम में किया गया था। भारत के प्रधानमंत्री ने मशाल रिले की शुरुआत की और इसे शतरंज के दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को सौंपा। सोमवार को श्री रिजिजू ने विश्वनाथन आनंद से मशाल लेकर शतरंज के ग्रैंडमास्टर दिब्येंदु बरुआ को सौंपा, जो इस रिले को लेह, लद्दाख ले जायेंगे। बरुआ वर्ष 1991 में विश्वनाथन आनंद के बाद ग्रैंडमास्टर बनने वाले दूसरे भारतीय थे।
रिजिजू ने सोमवार को कहा, “यह तथ्य कि हर दो साल में आने वाले हरेक शतरंज ओलंपियाड के लिए मशाल भारत से प्रज्वलित होगी, शतरंज के इतिहास में युगांतरकारी घटना है।” मशाल जलाने की प्रक्रिया पवित्रीकरण का प्रतीक है और यही कारण है कि ओलंपिक मशाल हमेशा आधुनिक ओलंपिक के जन्मस्थान ग्रीस में प्रज्वलित की जाती है। शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का अब भारत से शुरू होना सभी के लिए बेहद गर्व का क्षण है। मैं इस कदम के लिए फिडे को धन्यवाद देता हूं। आइए, हम इस ओलंपियाड को शतरंज आंदोलन के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ शतरंज ओलंपियाड बनायें।”
मंगोलिया की अपनी हालिया यात्रा से जुड़े क्षणों को याद करते हुए, श्री रिजिजू ने कहा, “शतरंज का जन्म भारत में हुआ है। मैंने हाल ही में मंगोलिया का दौरा किया, जहां उनकी संसद के अध्यक्ष झंडनशतर गोम्बोजाव और मैंने शतरंज के बारे में बातचीत की। वो इस खेल के एक उत्साही खिलाड़ी हैं। उन्होंने मुझे बताया कि शतरंज दुनिया को भारत की देन है। यह इस खेल पर हमारे देश की छाप है।”
श्रीनगर, जम्मू, धर्मशाला, शिमला आदि स्थानों पर जाने से पहले यह मशाल लेह, लद्दाख जाएगी। भारत के हर राज्य और केन्द्र – शासित प्रदेश के 75 जिलों से गुजरने वाली इस 40-दिवसीय मशाल रिले का समापन 27 जुलाई को चेन्नई में होगा। 44वां फिडे शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से लेकर 10 अगस्त, 2022 के दौरान चेन्नई में आयोजित किया जाएगा।
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1835608
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