नई दिल्ली 22अप्रैल 2025 : केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें राज्य में लागू किए जा रहे तीन नए आपराधिक कानूनों की प्रगति का आकलन किया गया।
इस बैठक में राज्य के उपमुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय (MHA) के वरिष्ठ अधिकारी, और छत्तीसगढ़ पुलिस एवं प्रशासन के शीर्ष अधिकारी भी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार से आग्रह किया कि वह इन नए आपराधिक कानूनों के त्वरित और प्रभावी कार्यान्वयन में मॉडल राज्य बनकर उभरे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए ये कानून न्याय प्रणाली के आधुनिकीकरण और कानून के शासन को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
गृह मंत्री ने जवाबदेही को इन सुधारों का मुख्य आधार बताते हुए निर्देश दिया कि आरोप पत्र दाखिल करने की जिम्मेदारी—सामान्य मामलों में 60 दिन और गंभीर मामलों में 90 दिन के भीतर—राज्य के उप पुलिस अधीक्षक (DSP) स्तर के अधिकारियों को सौंपी जाए।
अमित शाह ने बताया कि ये नए कानून न्यायिक प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन लाते हैं, जिनके तहत सबूतों की रिकॉर्डिंग से लेकर मुकदमों की सुनवाई तक पूरी प्रक्रिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए की जा सकेगी। इससे न केवल मानव संसाधनों की आवश्यकता कम होगी, बल्कि न्याय मिलने में भी तेजी आएगी।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के सभी थानों और DSP स्तर के अधिकारियों को गंभीर अपराधों की जांच के लिए नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) का सक्रिय रूप से उपयोग करना चाहिए।
लगातार प्रगति सुनिश्चित करने के लिए शाह ने संगठित समीक्षा प्रणाली का सुझाव दिया:
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मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक द्वारा साप्ताहिक समीक्षा
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राज्य के गृह मंत्री द्वारा पाक्षिक समीक्षा
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मुख्यमंत्री द्वारा मासिक मूल्यांकन
गृह मंत्री ने अंत में कहा कि नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन से न्याय व्यवस्था को सशक्त बनाया जा सकेगा और छत्तीसगढ़ के नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
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