छत्तीसगढ़ अपडेट: राज्यपाल अनुसुईया उइके

समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 4जुलाई।
राज्यपाल उइके ने रथयात्रा के अवसर पर जगन्नाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज रथ यात्रा के पावन पर्व पर रायपुर के गायत्री नगर स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ जी की विधिवत पूजा-अर्चना और आरती कर देश व प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन उपरांत राज्यपाल सुश्री उइके ने परिसर में स्थित यज्ञस्थल में स्थापित की गई भगवान जगन्नाथ जी, सुभद्रा जी और बलराम जी की मूर्ति पर पुष्पार्पित किया और यज्ञ में पूर्णाहुति दी। तत्पश्चात् श्रद्धा एवं उत्साह भरे वातावरण में ढोल नगाड़े एवं शंख की मधुर ध्वनि के साथ प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाएं, रथ तक लाई गईं। राज्यपाल सुश्री उइके मंदिर परिसर से रथयात्रा के लिए बाहर लाए गए भगवान जगन्नाथ जी की महा आरती में शामिल हुई और रथ खींचकर रथ यात्रा का शुभारंभ किया। परम्परागत विधि-विधान से भगवान श्री जगन्नाथ जी की मूर्ति नंदीघोष रथ पर, उनके भाई बलभद्र की मूर्ति तालध्वज रथ एवं बहन सुभद्रा की मूर्ति देवदलन रथ पर नगर भ्रमण के लिए रवाना हुईं। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत तथा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

युवाओं को परंपरागत पद्धति और नई तकनीक के मध्य सामंजस्य स्थापित करते हुए आगे बढ़ना होगा: राज्यपाल सुश्री उइके

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके 1 जुलाई को श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। उन्होंने इस अवसर पर देश के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन, प्रसिद्ध पंडवानी गायिका श्रीमती तीजनबाई, प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. राजेश कोटेचा तथा पूर्व न्यायाधीश श्री अशोक भूषण को मानद उपाधि से सम्मानित किया। साथ ही राज्यपाल ने 25 विद्यार्थियों को अपने संकाय में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक तथा 1 हज़ार 142 विद्यार्थियों को उपाधि और पत्रोपाधि प्रदान की। इस अवसर पर श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री रविशंकर महाराज, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, केन्द्रीय राज्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण एवं जल शक्ति श्री प्रह्लाद पटेल, छत्तीसगढ़ के खाद्यमंत्री श्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम एवं सांसद रायपुर श्री सुनील सोनी उपस्थित थे।

राज्यपाल सुश्री उइके ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मानद उपाधि से सम्मानित विशिष्टजनों और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के साथ-साथ हम सभी के लिए गौरव की बात है कि देश के विकास में सर्वोत्कृष्ट योगदान देने वाले विद्वतजनों को सम्मान स्वरूप मानद उपाधि दी गई है। आप सभी विद्यार्थियों को इन विद्वानों का अनुसरण करना चाहिए कि जीवन में किस प्रकार परिश्रम कर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज के दौर में युवाओं को परंपरागत पद्धतियों और नई तकनीकों के मध्य सामंजस्य स्थापित करते हुए आगे बढ़ना होगा।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि दीक्षांत समारोह वह स्वर्णिम अवसर है जिसका आप सभी विद्यार्थी अपने अध्ययन काल के समय से ही प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। यही प्रतीक्षा आज परिणाम में परिणित हुई है और आपको प्राप्त हुई उपाधियों ने आपके लिए असीम संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। राज्यपाल ने कहा कि अब आप अपनी इच्छानुरूप सेवा का अवसर चुन सकते हैं, किन्तु आपको मानव कल्याण के उद्देश्य को सर्वोपरि रखकर कार्य करना होगा। यही उपयुक्त समय है जब आप अपने देश व समाज को कुछ लौटाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि एक बेहतर संस्थान से पढ़ाई पूरा करने के बाद आपका दायित्व है कि आप देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें और राष्ट्र निर्माण में सहयोग दें। यहां से प्रशिक्षित एवं दीक्षित विद्यार्थी भारतीय ज्ञान परंपरा को आत्मसात् कर अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठा अर्जित करें और भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों का संरक्षण भी करें।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि जहां तकनीक, दुनिया को समय से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, वहीं परंपरागत शिक्षा पद्धतियां स्थायित्व पर जोर देती हैं। भारत में बौद्धिकता और अनुभव की विशाल संपदा है, युवाओं को इसका भरपूर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी केवल डिग्री प्राप्त करना ही अपना उद्देश्य न मानें, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान अर्जित करें और उत्कृष्ट आचार-विचार और संस्कार को अपने जीवन में आत्मसात करें। राज्यपाल ने संबोधन के अंत में दीक्षांत समारोह के गरिमामय आयोजन के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उपाधि प्राप्तकर्ताओं को शुभकामनाएं दी और कहा कि आप सभी ने विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की है और अब दीक्षित होकर सामाजिक जीवन में प्रवेश कर रहे हैं। आप किसी भी क्षेत्र से जुड़े हों, आपको अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश व प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी निभाएं और गुरूओं के सम्मान की परंपरा का सदा निर्वाह करें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण एवं जल शक्ति श्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि आपने शिक्षा प्राप्त कर ली है और आज आपकी दीक्षा पूरी हुई है। सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज आप सभी को अपना संकल्प तय करना है। आप सभी को जीवन में कठिन व सुविधाजनक रास्ते मिलेंगे। आपको कठिन रास्ता चुनना होगा, जिससे आप तेजस्वी बनेंगे और सफल हो पाएंगे।

चिकित्सा आचार संहिता का अक्षरशः पालन करें विद्यार्थी: राज्यपाल उइके

महाविद्यालय में व्हाईट कोट सेरेमनी सफलतापूर्वक संपन्न

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर की व्हाईट कोट सेरेमनी और चरक शपथ समारोह में शामिल हुईं। राज्यपाल व अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की गई। इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. विष्णु दत्त ने नये विद्यार्थियों को चिकित्सा नैतिकता के पालन के लिए चरक शपथ दिलवाई।

राज्यपाल सुश्री उइके ने व्हाईट कोट सेरेमनी को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आप सभी को अथक परिश्रम के उपरांत यह सफलता मिली है और आज उसे साकार होने के हम सभी साक्षी हैं। आपने जिस पेशे का चुनाव किया है, उसे मानवता की सबसे बड़ी सेवा मानी जाती है। आज हर कोई चाहता है कि उसे निरोगी और स्वस्थ शरीर मिले, आगे चलकर इसे पूरा करने में आप सभी का बड़ा योगदान होगा।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है, जिसमें कई सुदूरवर्ती इलाके ऐसे हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की सुगम पहुंच नहीं है। ऐसे में आप सभी विद्यार्थियों से मेरा आग्रह है कि आप सुदूर जिलों में अपनी सेवाएं दें ताकि इन इलाकों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की पहल पर एम.बी.बी.एस. के प्रथम वर्ष में प्रवेशरत विद्यार्थियों को दिलाये जाने वाले ‘हिप्पोक्रेटिक ओथ’ को ‘चरक शपथ’ से बदलने का निर्णय सराहनीय है। इस पहल से विद्यार्थी भारतीय परम्परागत चिकित्सा और इसके गौरवपूर्ण इतिहास से परिचित होंगे। साथ ही यह शपथ चिकित्सा के क्षेत्र में भारत के योगदान का भी सम्मान है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आज जिन छात्रों ने ‘चरक शपथ’ ली है, यह शपथ विद्यार्थियों को अपने कार्य के प्रति और अधिक समर्पित और जिम्मेदार बनाएगा। चरक शपथ डॉक्टरों को खुद से पहले मरीज के बारे में सोचने और कार्य करने के लिए सदैव प्रेरित करेगा।

उन्होंने कहा कि व्हाईट कोट सेरेमनी के माध्यम से नवआगंतुक विद्यार्थियों को महाविद्यालय के बारे में जानकारी मिली होगी, जो उनके शैक्षणिक अनुभव को और बेहतर बनाने में सहायक होगा। राज्यपाल ने कहा कि आप सभी जब पढ़ाई पूरी कर बतौर चिकित्सक अपनी सेवाएं देंगे, तब आप सीधे तौर पर लोगों से जुड़कर उनकी समस्याओं को दूर कर पाएंगे। यही वह समय होगा जब आप अपने काम से संतुष्ट होंगे और लोगों की खुशी आपमें नई ऊर्जा का संचार करेगी, तभी आपको इस पेशे का वास्तविक उद्देश्य और व्हाईट कोट का महत्व भी पता चलेगा। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय की स्थापना 1963 को हुई थी। मुझे पूरा विश्वास है कि महाविद्यालय के सेवा के इतने वर्षों के गौरवशाली इतिहास को आप सभी निरंतर जारी रखेंगे। यहां प्रतिवर्ष देश भर के 180 एम.बी.बी.एस. स्नातक पाठ्यक्रम और 145 स्नातकोत्तर (एम.डी./एम.एस.) तथा 10 सुपर स्पेश्यालिटी पाठ्यक्रम में विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। इन पाठ्यक्रमों के बेहतर अध्ययन/अध्यापन के साथ ही महाविद्यालय ने निरंतर शोध कार्य से जुड़े नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जो छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि कोविड-19 के विपरीत व चुनौतीपूर्ण समय में इस पेशे से जुड़े लोगों की जिजीविषा ने लाखों लोगों की जिंदगियां बचाई। अपने जीवन की चिंता किये बिना जनसेवा की जो मिसाल इन्होंने पेश की है, उसका कोई सानी नहीं है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने चरक शपथ ग्रहण के गौरवपूर्ण व भव्य आयोजन के लिए महाविद्यालय प्रबंधन को शुभकामनाएं दी और कहा कि चिकित्सा आचार संहिता की जो शपथ आज विद्यार्थियों ने ली है, उसे वे अपने दैनिक चिकित्सकीय कार्यों में अक्षरशः पालन करेंगे। इस अवसर पर चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नागरिया ने महाविद्यालय की स्थापना व उपलब्धियों से संबंधित जानकारी साझा की। वहीं डॉ. अरविन्द नेरल ने चिकित्सा नैतिकता से जुड़े आचार संहिता की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान महाविद्यालय में प्रथम वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर रहे छात्र श्री निखिल गुप्ता ने राज्यपाल सुश्री उइके को अपने हाथों से बनाई गई उनकी स्केच भेंट की।

समारोह में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक चंद्राकर सहित मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापक और विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

चिकित्सा आचार संहिता का अक्षरशः पालन करें विद्यार्थी: राज्यपाल सुश्री उइके

पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने ली चरक शपथ

महाविद्यालय में व्हाईट कोट सेरेमनी सफलतापूर्वक संपन्न

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर की व्हाईट कोट सेरेमनी और चरक शपथ समारोह में शामिल हुईं। राज्यपाल व अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की गई। इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. विष्णु दत्त ने नये विद्यार्थियों को चिकित्सा नैतिकता के पालन के लिए चरक शपथ दिलवाई।

राज्यपाल सुश्री उइके ने व्हाईट कोट सेरेमनी को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आप सभी को अथक परिश्रम के उपरांत यह सफलता मिली है और आज उसे साकार होने के हम सभी साक्षी हैं। आपने जिस पेशे का चुनाव किया है, उसे मानवता की सबसे बड़ी सेवा मानी जाती है। आज हर कोई चाहता है कि उसे निरोगी और स्वस्थ शरीर मिले, आगे चलकर इसे पूरा करने में आप सभी का बड़ा योगदान होगा।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है, जिसमें कई सुदूरवर्ती इलाके ऐसे हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की सुगम पहुंच नहीं है। ऐसे में आप सभी विद्यार्थियों से मेरा आग्रह है कि आप सुदूर जिलों में अपनी सेवाएं दें ताकि इन इलाकों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की पहल पर एम.बी.बी.एस. के प्रथम वर्ष में प्रवेशरत विद्यार्थियों को दिलाये जाने वाले ‘हिप्पोक्रेटिक ओथ’ को ‘चरक शपथ’ से बदलने का निर्णय सराहनीय है। इस पहल से विद्यार्थी भारतीय परम्परागत चिकित्सा और इसके गौरवपूर्ण इतिहास से परिचित होंगे। साथ ही यह शपथ चिकित्सा के क्षेत्र में भारत के योगदान का भी सम्मान है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आज जिन छात्रों ने ‘चरक शपथ’ ली है, यह शपथ विद्यार्थियों को अपने कार्य के प्रति और अधिक समर्पित और जिम्मेदार बनाएगा। चरक शपथ डॉक्टरों को खुद से पहले मरीज के बारे में सोचने और कार्य करने के लिए सदैव प्रेरित करेगा।

उन्होंने कहा कि व्हाईट कोट सेरेमनी के माध्यम से नवआगंतुक विद्यार्थियों को महाविद्यालय के बारे में जानकारी मिली होगी, जो उनके शैक्षणिक अनुभव को और बेहतर बनाने में सहायक होगा। राज्यपाल ने कहा कि आप सभी जब पढ़ाई पूरी कर बतौर चिकित्सक अपनी सेवाएं देंगे, तब आप सीधे तौर पर लोगों से जुड़कर उनकी समस्याओं को दूर कर पाएंगे। यही वह समय होगा जब आप अपने काम से संतुष्ट होंगे और लोगों की खुशी आपमें नई ऊर्जा का संचार करेगी, तभी आपको इस पेशे का वास्तविक उद्देश्य और व्हाईट कोट का महत्व भी पता चलेगा। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय की स्थापना 1963 को हुई थी। मुझे पूरा विश्वास है कि महाविद्यालय के सेवा के इतने वर्षों के गौरवशाली इतिहास को आप सभी निरंतर जारी रखेंगे। यहां प्रतिवर्ष देश भर के 180 एम.बी.बी.एस. स्नातक पाठ्यक्रम और 145 स्नातकोत्तर (एम.डी./एम.एस.) तथा 10 सुपर स्पेश्यालिटी पाठ्यक्रम में विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। इन पाठ्यक्रमों के बेहतर अध्ययन/अध्यापन के साथ ही महाविद्यालय ने निरंतर शोध कार्य से जुड़े नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जो छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि कोविड-19 के विपरीत व चुनौतीपूर्ण समय में इस पेशे से जुड़े लोगों की जिजीविषा ने लाखों लोगों की जिंदगियां बचाई। अपने जीवन की चिंता किये बिना जनसेवा की जो मिसाल इन्होंने पेश की है, उसका कोई सानी नहीं है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने चरक शपथ ग्रहण के गौरवपूर्ण व भव्य आयोजन के लिए महाविद्यालय प्रबंधन को शुभकामनाएं दी और कहा कि चिकित्सा आचार संहिता की जो शपथ आज विद्यार्थियों ने ली है, उसे वे अपने दैनिक चिकित्सकीय कार्यों में अक्षरशः पालन करेंगे। इस अवसर पर चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नागरिया ने महाविद्यालय की स्थापना व उपलब्धियों से संबंधित जानकारी साझा की। वहीं डॉ. अरविन्द नेरल ने चिकित्सा नैतिकता से जुड़े आचार संहिता की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान महाविद्यालय में प्रथम वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर रहे छात्र श्री निखिल गुप्ता ने राज्यपाल सुश्री उइके को अपने हाथों से बनाई गई उनकी स्केच भेंट की।

समारोह में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक चंद्राकर सहित मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापक और विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

राज्यपाल सुश्री उइके से छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. मिश्र ने मुलाकात की

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार मिश्र ने मुलाकात की। राज्यपाल सुश्री उइके ने उन्हें अध्यक्ष नियुक्त होने पर शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने डॉ. मिश्र को निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर किए जा रहे प्रयासों को और विस्तार देने के निर्देश दिए। साथ ही विद्यार्थियों के हित से जुड़े सभी विषयों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए निराकृत करने को कहा।

राज्यपाल सुश्री उइके से पूर्व सांसद ने की सौजन्य भेंट

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज यहां राजभवन में राज्यसभा की पूर्व सांसद सुश्री विप्लव ठाकुर ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर दोनों के मध्य महिला सशक्तिकरण,महिलाओं की बेहतरी के लिए उपाय करने एवं अन्य सामाजिक विषयों पर चर्चा हुई। राज्यपाल सुश्री उइके और सुश्री ठाकुर ने पूर्व में राज्यसभा में सांसद के रूप में एक साथ काम किया है। इस दौरान उन्होंने पुरानी स्मृतियों को याद किया। सुश्री ठाकुर वर्ष 2006 से वर्ष 2020 के बीच अनेकों बार राज्यसभा सांसद के पद पर रहीं।

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