छिंदवाड़ा खांसी सिरप कांड: जीतु पटवारी ने स्वास्थ्य मंत्री से मांगा इस्तीफा, दवा कंपनी मालिक को फांसी की सज़ा की मांग

समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 11 अक्टूबर: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कथित रूप से कोल्ड्रिफ (Coldrif) खांसी सिरप से 22 बच्चों की मौत के मामले ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार को इस घटना पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा मांगते हुए दवा कंपनी के मालिक को मृत्युदंड (Death Penalty) देने की मांग की।

पटवारी ने दावा किया कि “सिर्फ एक महीने में 150 से ज़्यादा कोल्ड्रिफ सिरप की बोतलें बेची गईं,” और यह गंभीर लापरवाही प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कंपनी को “क्लीन चिट” देना भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

जीतू पटवारी का बड़ा आरोप — ‘भ्रष्टाचार और मिलीभगत हुई है’

पत्रकारों से बातचीत में जीतु पटवारी ने कहा —

“तमिलनाडु से गिरफ्तार दवा कंपनी के मालिक को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। लेकिन सवाल यह है कि दवा नियंत्रक (Drug Controller) पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें क्यों बचाने की कोशिश की? इसका मतलब साफ है कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है।”

उन्होंने कहा कि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार,

“सिर्फ एक महीने में 157 बोतलें बेची गईं। भाजपा लोगों का ध्यान भटकाने के लिए हिंदू-मुस्लिम मुद्दे उठाती है, लेकिन असली मुद्दों पर चुप रहती है।”

पटवारी ने कहा कि दवा नियंत्रक पर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उसे तत्काल गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा,

“राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। अगर वे नहीं देते, तो मुख्यमंत्री को उन्हें पद से बर्खास्त करना चाहिए।”

फार्मा कंपनी मालिक 10 दिन की पुलिस रिमांड पर

इस बीच, पारासिया कोर्ट ने शुक्रवार को स्रेसन फार्मा (Sresan Pharma) के मालिक रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। आरोप है कि कंपनी द्वारा बनाई गई कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत हुई।

छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अजय पांडे ने बताया कि

“एसआईटी की टीम ने रंगनाथन को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया। मेडिकल जांच और आवश्यक प्रक्रियाओं के बाद उसे छिंदवाड़ा लाया जाएगा।”

DCGI ने सभी राज्यों को सख्त निर्देश जारी किए

इस घटना के बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दवा निर्माण के नियमों का सख्त पालन करने के निर्देश दिए हैं।
7 अक्टूबर को जारी पत्र में डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने लिखा कि दवा निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सभी कच्चे माल और फार्मूलेशन का लैब टेस्ट अनिवार्य किया जाए।

उन्होंने कहा कि किसी भी नई सामग्री, विशेषकर एक्सिपिएंट्स (Excipients) का उपयोग बिना परीक्षण के नहीं किया जाना चाहिए, ताकि ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों।

छिंदवाड़ा में हाल ही में दर्जनों बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद 22 बच्चों की मौत हुई थी। जांच में सामने आया कि सभी बच्चों ने एक ही ब्रांड की कोल्ड्रिफ खांसी सिरप का सेवन किया था। मामला सामने आने के बाद दवा की बिक्री रोक दी गई और नमूने जांच के लिए भेजे गए।

 

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