चिदंबरम का बयान: ‘पाहलगाम आतंकी पाक से नहीं, देश में जन्मे हो सकते थे’

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 जुलाई: पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने एक मीडिया साक्षात्कार में कहा कि पाहलगाम आतंकी हमले के आतंकी संभवतः पाकिस्तान से नहीं, भारत में ही पले-बढ़े हो सकते हैं। उनके इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी, बल्कि देश की सुरक्षा एजेंसियों के दावों पर भी संदेह की परछाईं डाल दी।

भाजपा का हमला: कांग्रेस पाकिस्तान की तरफदारी कर रही है

भारतीय जनता पार्टी ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चिदंबरम ने एक बार फिर पाकिस्तान को “क्लीन चिट” देने का प्रयास किया है। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा:

“पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम, जो ‘भगवा आतंक’ थ्योरी के जनक रहे हैं, ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा बोलने से परहेज़ नहीं करती। जब हमारी सेना पाकिस्तान प्रायोजित आतंक से लड़ रही है, कांग्रेस के नेता इस संघर्ष को ही शक के घेरे में ला रहे हैं।”

मालवीय ने चिदंबरम का इंटरव्यू साझा करते हुए सवाल उठाया कि “हर बार जब भारत पाकिस्तान को जवाब देता है, कांग्रेस क्यों पाकिस्तान की वकालत करती दिखती है?

चिदंबरम की सफाई: बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया

विवाद गहराने के बाद चिदंबरम ने X (पूर्व ट्विटर) पर सफाई दी कि उनके बयान को अधूरा दिखाया गया और जानबूझकर भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया। उन्होंने लिखा:

“सोशल मीडिया ट्रोल्स का सबसे बुरा रूप वो होता है जो पूरी रिकॉर्डिंग छिपाकर केवल दो वाक्य निकालते हैं, कुछ शब्दों को म्यूट कर देते हैं और फिर व्यक्ति की छवि को पूरी तरह धूमिल कर देते हैं।”

उनका कहना है कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जो देश के हित के खिलाफ हो

ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में होगी गरम बहस

लोकसभा में अगले सप्ताह होने वाली ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस अब और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। यह ऑपरेशन भारत द्वारा पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई का हिस्सा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में सरकार का पक्ष रखेंगे, वहीं चिदंबरम के बयान पर कांग्रेस की स्थिति को लेकर भी सवाल उठेंगे

राजनीति बनाम राष्ट्रहित

यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेतृत्व पर पाकिस्तान की ओर झुकाव का आरोप लगा है। इससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयरस्ट्राइक और गालवन संघर्ष जैसे मुद्दों पर भी कांग्रेस ने संदेह जताया था। जनता अब यह सवाल पूछ रही है कि क्या सरकार की आलोचना में कांग्रेस देशहित को भूल बैठी है?

सवालों से नहीं, साथ खड़े होने से बनता है देश

जब भारत आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठाता है, तब विपक्ष से उम्मीद होती है कि वह एकजुटता दिखाए। लेकिन बार-बार कांग्रेस के नेताओं द्वारा सरकारी कार्रवाई पर संदेह जताना, न केवल सुरक्षा बलों के मनोबल को ठेस पहुंचाता है, बल्कि दुश्मनों को भी बल देता है।

 

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