समग्र समाचार सेवा
पटना, 18 फरवरी। बिहार विधानसभा के स्थापना दिवस पर आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी ने सरकार को घेरा तो नीतीश कुमार ने इशारों ही इशारों जवाब दिया। पहले तेजस्वी यादव को बोलने का मौका मिला। तेजस्वी ने बिहार सरकार की शराब बंदी कानून का विरोध लोकसभा स्पीकर के सामने ही करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा शराबंदी की वजह से तमाम संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने केंद्र व राज्य के बीच रिश्तों के बदलते स्वरूप के बारे में भी सोचने की जरूरत पर जोर दिया। तेजस्वी यादव ने कहा हमे एक साथ मिलकर इस तमाम संस्थाओं को कैसे मजबूत बनाएं इस पर काम करने की जरूरत है। संवैधानिक संस्थानों को मजबूत बनाने का संकल्प लें।
तेजस्वी का बिना नाम लिए हमला
नीतीश कुमार ने बिना तेजस्वी का नाम लिए उन्हें जवाब दिया। नीतीश ने कहा कि पूरी ताकत से, पूरी बुलंदी से अपनी बात रखना चाहिए। लेकिन उसमें गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विधानसभा का ये सेंट्रल हॉल इसीलिए बनाया है ताकि यहां आकर आप सभी लोग हर मुद्दे पर डिस्कशन कर सकें। नीतीश कुमार ने कहा कि यहां बहुत कुछ जानकारी नहीं थी। 2011 में विधानमंडल में बड़ा कार्यक्रम हुआ था। इंग्लैंड से पूरी जानकारी मंगाई गई थी। नए विधायकों को सबकुछ जानने की जरूरत है। जनता विधायकों को चुन कर भेजती है।
निर्वाचित प्रतिनिधियों से जनता की काफी अपेक्षा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा निर्वाचित प्रतिनिधियों से जनता की काफी अपेक्षा होती है। विधानसभा की तरफ से नये विधायकों को पूरी जानकारी दी जाती है। विस में सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों को अधिकार है कि वे सदन में सवाल पूछें। अगर आप विस के सदस्य हैं तो उनका दायित्व पूरे राज्य का होता है। अपने क्षेत्र के साथ पूरा राज्य को सोचना होता है। आप लोग अपनी बात को सदन में पूरी मजबूती से रखें। इसका फायदा मिलेगा।
विपक्ष को अधिकार है ही कि वे बुलंदी से आवाज उठाएं
विपक्ष को तो अधिकार है ही कि वे बुलंदी से आवाज उठायें। असली चीज तो है कि अपनी बात बुलंदी से रखें। जब हम लोकसभा में गए तो एक-एक चीज को देखते थे। 1989 में पहली दफे जीते और मंत्री बन गए। लेकिन 1991 से हम अपनी बात मजबूती से रखते थे। कुछ सदस्य सदन में नहीं बोलते थे हम उनसे पूछते थे कि क्यों नहीं सदन में बोलते हैं? संसद के सेंट्रल हॉल में पक्ष-विपक्ष के सांसद प्रेम से मिलते थे और बात करते थे। दिल्ली के सेंट्रल हॉल की तरह यहां भी सेंट्रल हॉल बनवा दिये हैं। आप लोग यहां भी सेंट्रल हॉल में आकर बात करें।
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