छिंदवाड़ा में बच्चों की किडनी फेलियर से मौतों का सिलसिला जारी, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

समग्र समाचार सेवा
छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश, 3 अक्टूबर: छिंदवाड़ा जिले में बच्चों में किडनी फेलियर से मौतों का मामला गंभीर रूप ले रहा है। पिछले लगभग 30 दिनों में यह आंकड़ा बढ़कर 9 तक पहुंच गया है। बुधवार को इलाज के दौरान नागपुर में एक और बच्चे की मौत हुई, जिससे इस त्रासदी की गंभीरता और बढ़ गई।

जानकारी के अनुसार, यह सिलसिला 4 सितंबर को शुरू हुआ था, जब पहली बार एक बच्चे की मौत किडनी फेलियर के कारण हुई। उसके बाद लगातार अन्य मामले सामने आए और अब तक नौ बच्चों की जान जा चुकी है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन युद्ध स्तर पर सक्रिय हैं।

प्रतिदिन 120 बच्चों की हो रही स्क्रीनिंग
परासिया एसडीएम सौरभ कुमार यादव ने बताया कि प्रशासन ने अब तक लगभग 1,400 बच्चों की स्क्रीनिंग कर ली है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 120 बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसका उद्देश्य संभावित मामलों की जल्द पहचान करना और प्रभावित बच्चों को समय पर इलाज प्रदान करना है।

एसडीएम ने कहा, “हम बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। स्क्रीनिंग अभियान लगातार चल रहा है और हर बच्चे की जांच कर उचित उपचार सुनिश्चित किया जा रहा है।”

स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की पहल
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इस बीमारी के मूल कारण का पता लगाने में जुटे हैं। इसके तहत प्रभावित बच्चों को उचित उपचार देने के साथ-साथ संभावित संक्रमण और बाहरी कारणों की जांच भी की जा रही है। पानी की गुणवत्ता की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं जल स्रोत भी इस समस्या का कारण तो नहीं।

छिंदवाड़ा कलेक्टर का बयान
जिले के कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कहा, “हम यह जांच कर रहे हैं कि बच्चों को उनके अभिभावकों ने किस स्रोत से दवा दिलाई। यदि किसी झोलाछाप द्वारा दवा दी गई होगी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हमारी प्राथमिकता बच्चों की जान बचाना और इस समस्या का मूल कारण पता लगाना है।”

कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

छिंदवाड़ा में किडनी फेलियर की यह समस्या स्थानीय लोगों में चिंता का कारण बन गई है। अधिकारी लगातार इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं कि आगे कोई और नुकसान न हो।

आगे की कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे बच्चों को समय पर नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए लाएं और किसी भी संदेहास्पद लक्षण को नजरअंदाज न करें। इसके अलावा, जिले में पानी और दवा की गुणवत्ता की जाँच तेज़ कर दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य आपात स्थिति को रोका जा सके।

 

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