चीन के नागरिकों को लगेगा जर्मन मेड वैक्सीन, जर्मन सरकार के एक प्रवक्ता ने दी जानकारी

समग्र समाचार सेवा
बर्लिन, 23दिसंबर। चीन इस समय बुरी तरह​ कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में है. ओमिक्रॉन का सबवेरिएंट BF.7 (Omicron Sub-Variant BF.7) चीन में कहर बरपा रहा है. एक दिन में हजारों मौतें हो रही हैं, लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं. यहां के अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है. मरीजों को फर्श पर लिटाकर इलाज करना पड़ रहा है. शवदाह गृहों में अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही है. विशेषज्ञों की राय में चीन में जल्द ही कोरोना की कई लहरें आने वाली हैं. दावा किया जा रहा है कि चीन की करीब 60 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकती है. ऐसी स्थिति तब है, जब ड्रैगन दावा करता है कि उसने अपने सभी नागरिकों को स्वदेशी वैक्सीन कवर दे दिया है. चीन के कोरोना वैक्सीन की इफेकेसी यानी प्रभावकारिता पर पहले भी सवाल खड़े हो रहे थे, अब खुद ड्रैगन को भी अपनी स्वदेशी वैक्सीन पर विश्वास नहीं रहा. तभी तो उसने अपने नगारिकों को अब जर्मन मेड वैक्सीन लगाने का फैसला किया है.

जर्मन सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि बर्लिन ने बायोएनटेक COVID-19 टीकों की अपनी पहली खेप चीन भेज दी है. सबसे पहले यह वैक्सीन चीन में रह रहे जर्मन प्रवासियों को दी जाएगी. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, अब तक 60 साल से ऊपर की 87% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है, लेकिन 80 साल से ज्यादा उम्र के सिर्फ 66.4% बुजुर्गों को ही वैक्सीन लगी है. चीन ने अपने नागरिकों को स्वदेशी Sinopharm और CoronaVac वैक्सीन लगाया है. लेकिन ये दोनों वैक्सीन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेअसर साबित होती दिख रही हैं. एक अनुमान के मुताबिक राजधानी बीजिंग की 70 फीसदी आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी है. चीन के एपिडेमियोलॉजिस्ट (महामारी विशेषज्ञ) वू जुन्यो ने आगामी 3 महीने में देश में कोरोना की 3 लहरों के आने की आशंका जताई है. उन्होंने दावा किया है कि चीन अभी कोरोनावायरस संक्रमण की पहली लहर का सामना कर रहा है और इसका पीक मध्य जनवरी में आ सकता है. चीन में 21 जनवरी से लूनर न्यू ईयर शुरू हो रहा है, इस दौरान लोग यात्रा करेंगे, बाजारों में काफी भीड़-भाड़ होगी, इस कारण दूसरी लहर आ सकती है.

वू जुन्यो के मुताबिक चीन में जनवरी के आखिर से कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो सकती है जो मिड-फरवरी तक चलेगी. वहीं तीसरी लहर फरवरी के आखिर से शुरू हो सकती है, जो मिड-मार्च तक चल सकती है. चीन में वर्तमान कोरोना संकट के पीछे ओमिक्रॉन के 2 सब-वेरिएंट्स BA.5.2 और BF.7 हैं. राजधानी बीजिंग BF.7 की चपेट में है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन के BF.7 सब-वेरिएंट को सबसे ज्यादा संक्रामक बताया है. लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने अनुमान जताया है कि चीन में ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ हटने के बाद शुरू हुई कोरोना लहर में 21 लाख मौतें हो सकती हैं. एयरफिनिटी के मुताबिक चीन में कम वैक्सीनेशन और वायरस के खिलाफ लोगों में एंटीबॉडीज की कमी के चलते ये मौतें होंगी. इस कम्युनिस्ट देश में वर्तमान हालात ऐसे हैं कि Ibuprofen टैबलेट का कोटा फिक्स कर दिया गया है. एक व्यक्ति निश्चित सीमा से ज्यादा आईबुप्रोफेन के टैबलेट नहीं खरीद सकता. यह दवा बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द में काम आती है. एक ग्राहक को आईबुप्रोफेन के अधिकतम 6 टैबलेट ही दिए जाने का आदेश है.

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