समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जून। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जोर देकर कहा कि सिविल सेवकों को हमेशा पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण से हटकर सोचना चाहिए। उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में आज आईएएस 2022 बैच के सहायक सचिवों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि सिविल सेवक राजनीतिक व्यवस्थाओं से अनुग्रहित नहीं हो सकते हैं।
उपराष्ट्रपति ने भारतीय नौकरशाही की क्षमता और योग्यता को स्वीकार करते हुए उपस्थित अधिकारियों से राष्ट्रवादी व संघवादी दृष्टिकोण अपनाने और राष्ट्र के हित को हमेशा सर्वोच्च रखने तथा कानून के शासन को बनाए रखने का आह्वान किया।
युवा सहायक सचिवों को युवाओं के लिए प्रेरणा और प्रेरक शक्ति के रूप में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सिविल सेवकों से उच्चतम नैतिक सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “आप बदलाव के वाहक हैं। आप गुणवत्तापूर्ण शासन में महत्वपूर्ण हितधारक और त्वरित विकास के पथप्रदर्शक हैं।”
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जोर देते हुए कहा कि सिविल सेवा पहले से कहीं अधिक प्रातिनिधिक है। उन्होंने कहा कि इसमें सभी सामाजिक वर्गों, विशेष रूप से कमजोर, हाशिए के लोगों और वंचित पृष्ठभूमि का भी प्रतिनिधित्व दिखता है।
भारत के उल्लेखनीय आर्थिक बदलाव पर विचार करते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने गर्व से कहा कि आज भारत आशा और संभावनाओं से भरा हुआ है और निवेश के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए विभिन्न अवसर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भारत में डिजिटल क्रांति की प्रशंसा करते हुए कहा, “हमारी उपलब्धियों ने दुनिया को चौंका दिया है….विश्व संस्थाएं जो हमें सलाह देती थीं, वे अब अन्य देशों को भारत के रास्ते पर चलने की सलाह दे रही हैं”
उपराष्ट्रपति ने उपस्थित अधिकारियों से यह भी अपील की कि वे कभी भी सीखना बंद न करें और अपने कौशल को अपडेट करते रहें। उन्होंने कहा, “आप लोगों को संविधान द्वारा विशेष रूप से बदलाव लाने के लिए नियुक्त किया गया है।”
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने उस बीते युग को याद किया जब भ्रष्टाचार देश के सत्ता के गलियारों में व्याप्त था और योग्यता के आधार पर अवसरों में बाधा उत्पन्न करता था। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नए युग में “सत्ता के गलियारों को भ्रष्टाचार से मुक्त कर दिया गया है, अब पारदर्शिता और जवाबदेही है।”
इस अवसर पर एस. राधा चौहान, सचिव, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग; राजित पुन्हानी, सचिव, राज्य सभा; नीला मोहनन, संयुक्त सचिव, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के साथ ही उपराष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारी, प्रशिक्षु अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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