क्लासरूम निर्माण घोटाले में नहीं हुए पेश, ACB के समन को मनीष सिसोदिया ने बताया ‘व्यस्तता का मामला’

समग्र समाचार सेवा,

नई दिल्ली, 9 जून: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया सोमवार को दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के सामने पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। उन्हें दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में कथित 2,000 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर तलब किया गया था।

सिसोदिया ने बताया खुद को ‘व्यस्त’

ACB को भेजे गए अपने जवाब में सिसोदिया ने कहा कि वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और वर्तमान में पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हो सकते। उनकी ओर से वकील ने ACB को सूचित किया कि आज हाज़िरी संभव नहीं है।

ACB के सूत्रों के अनुसार,

“सिसोदिया के वकील ने हमें सूचित किया है कि वह आज नहीं आ सकेंगे। उन्हें फिर से समन जारी किया जाएगा।”

सत्येंद्र जैन हुए थे पेश

इस मामले में लोक निर्माण विभाग (PWD) के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। वह शुक्रवार को ACB कार्यालय पहुंचे थे और करीब पांच घंटे तक पूछताछ चली थी। माना जा रहा है कि जैन से प्राप्त जानकारी के आधार पर अब सिसोदिया से भी कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाने थे।

क्या है पूरा मामला?

ACB ने इस मामले में 30 अप्रैल 2025 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,000 से अधिक क्लासरूम या अर्ध-स्थायी संरचनाओं के निर्माण में लगभग ₹2,000 करोड़ की वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं हैं। यह परियोजना उस समय की गई थी जब मनीष सिसोदिया शिक्षा मंत्री और सत्येंद्र जैन PWD मंत्री थे।

यह घोटाला तब सामने आया जब कुछ ठेकेदारों और आरटीआई कार्यकर्ताओं ने निर्माण की लागत और प्रक्रिया पर सवाल उठाए। आरोप हैं कि परियोजना की लागत अनावश्यक रूप से बढ़ाई गई और टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी गई।

पहले भी विवादों में रहे हैं सिसोदिया

गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया कथित शराब नीति घोटाले में पहले ही लंबी जेल की सजा काट चुके हैं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई (CBI) ने भी जांच की थी। सिसोदिया फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

दिल्ली में पार्टी की चुनावी हार के बाद सिसोदिया को पंजाब में ‘आप’ की संगठनात्मक मजबूती का जिम्मा सौंपा गया है, जहां वे लगातार सभाएं और संगठनात्मक बैठकें कर रहे हैं।

राजनीतिक माहौल गरमाया

ACB की पूछताछ से बचना, विपक्षी दलों को हमला करने का मौका दे सकता है। भाजपा नेताओं ने पहले ही आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के नेता ‘भ्रष्टाचार के मामलों में जवाबदेही से बचते हैं।’ वहीं, ‘आप’ के सूत्रों का कहना है कि यह मामला भी राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है और सरकार की शिक्षा उपलब्धियों को बदनाम करने की साज़िश है।

दिल्ली के शिक्षा मॉडल की छवि गढ़ने वाले मनीष सिसोदिया पर एक और घोटाले की छाया गहराती दिख रही है। ACB द्वारा अगला समन कब जारी होगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सिसोदिया जांच में सहयोग करते हैं या कानूनी प्रक्रिया में और देरी होती है।

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