भारत में ट्रंप के करीबी सहयोगी सर्गियो गोर होंगे नए अमेरिकी राजदूत, टैरिफ विवाद के बीच बढ़ी निगाहें

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 अगस्त: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 38 वर्षीय सर्गियो गोर को भारत में नया अमेरिकी राजदूत नियुक्त करने की घोषणा की है। गोर फिलहाल व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंशियल पर्सनेल ऑफिस के निदेशक हैं और ट्रंप के सबसे करीबी व विश्वसनीय सहयोगियों में गिने जाते हैं। साथ ही, उन्हें दक्षिण और मध्य एशिया के लिए विशेष दूत की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।

भारत-अमेरिका रिश्तों में तनावपूर्ण पृष्ठभूमि

यह नियुक्ति उस समय हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में खिंचाव है। हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने भारतीय उत्पादों पर 50% तक टैरिफ बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि गोर की नियुक्ति केवल राजनयिक कदम नहीं, बल्कि रणनीतिक संदेश भी है।

ट्रंप का इशारा साफ है कि अब वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच बातचीत सीधे राष्ट्रपति स्तर पर होगी। राजनीतिक विश्लेषक इसे भारत को एक “सख्त लेकिन करीबी भागीदार” की तरह पेश करने का प्रयास मानते हैं।

रूस-भारत रिश्तों पर अमेरिका की नाराज़गी

भारत और अमेरिका के बीच हालिया तनाव की बड़ी वजह रूस से भारत की तेल खरीद है। अमेरिका चाहता है कि भारत मॉस्को से दूरी बनाए, लेकिन भारत ने अपने ऊर्जा हितों के मद्देनज़र इस दबाव को नकार दिया। जवाब में ट्रंप ने भारतीय सामान पर टैरिफ बढ़ा दिया।

वहीं, भारत ने भी संकेत दिए हैं कि वह अमेरिकी निर्भरता कम करके यूरोपीय संघ और एशियाई देशों के साथ व्यापार समझौतों को तेज़ी से आगे बढ़ाएगा।

कौन हैं सर्गियो गोर?

सर्गियो गोर का जन्म उज्बेकिस्तान में हुआ था, जब वह सोवियत संघ का हिस्सा था। बाद में उनका परिवार माल्टा चला गया और फिर अमेरिका बस गया। उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई की और रिपब्लिकन पार्टी की राजनीति में सक्रिय हो गए।

गोर ने सीनेटर रैंड पॉल के साथ काम किया है और फंडरेजिंग अभियानों से लेकर किताबें प्रकाशित करने तक कई क्षेत्रों में सक्रिय रहे हैं। उनकी ट्रंप से नजदीकी कई वर्षों पुरानी है, और वे उनके राजनीतिक और निजी सर्कल दोनों में एक भरोसेमंद चेहरा माने जाते हैं।

आगे की प्रक्रिया

हालांकि गोर का भारत से कोई प्रत्यक्ष राजनयिक अनुभव नहीं है, लेकिन अमेरिकी राजनीति में यह असामान्य नहीं है कि राष्ट्रपति अपने करीबी सहयोगियों को महत्वपूर्ण दूतावासों में भेजें। गोर तब तक अपने मौजूदा पद पर बने रहेंगे जब तक कि अमेरिकी सीनेट उनकी नियुक्ति पर अंतिम मुहर नहीं लगा देती।

भारत और अमेरिका के रिश्ते हमेशा से वैश्विक राजनीति में अहम रहे हैं। ऐसे में सर्गियो गोर की नियुक्ति केवल राजनयिक बदलाव नहीं बल्कि आने वाले समय में दोनों देशों की विदेश नीति, व्यापार और सुरक्षा समीकरण पर गहरा असर डाल सकती है।

 

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