समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 1 दिसंबर। पंजाब मंत्रिमंडल ने सरकारी कालेजों में उच्च शिक्षा के लिए ‘मुख्यमंत्री वज़ीफ़ा स्कीम’ लागू करने की मंजूरी दे दी है। इस स्कीम से जहाँ गरीब विद्यार्थियों ख़ास कर जनरल वर्ग के होनहार विद्यार्थियों को मदद मिलेगी, वहीं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कुल दाखि़ला अनुपात (जी.ई.आर.) को बेहतर बनाने में भी सहायता मिलेगी। इस स्कीम से सालाना 36.05 करोड़ रुपए का वित्तीय खर्चा आएगा। इस आशय का निर्णय आज मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया ।
यह स्कीम सिर्फ़ सरकारी स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों पर लागू होगी। वज़ीफ़े की राशि एक समान होगी और यूनिवर्सिटी की तरफ से वसूली की जाती फीस के अनुपात के मुताबिक होगी। यदि विद्यार्थी 60 प्रतिशत से अधिक और 70 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करता है तो उसे यूनिवर्सिटी की फीस में 70 प्रतिशत रियायत दी जायेगी। इसी तरह 70 प्रतिशत से अधिक और 80 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को फीस में 80 प्रतिशत रियायत मिलेगी। 80 प्रतिशत से अधिक और 90 प्रतिशत से कम अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी को 90 प्रतिशत रियायत जबकि 90 प्रतिशत से अधिक और 100 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 100 प्रतिशत रियायत मिलेगी। यह व्यवस्था तभी लागू होगी, यदि विद्यार्थी सभी विषयों में इम्तिहान पास करता है। यदि कोई विद्यार्थी इस तथ्य के बावजूद किसी भी विषय का इम्तिहान पास नहीं कर पाता, परन्तु बाकी विषयों में प्राप्त किये अंकों के आधार पर वह वज़ीफ़े का पात्र बनता है तो भी उसे वज़ीफ़ा स्कीम के लिए विचारा नहीं जाएगा।
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