एस पी मित्तल
समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 30 जुलाई। तमाम सरकारी योजनाओं की घोषणाओं के बाद एबीपी न्यूज चैनल ने 27 जुलाई को राजस्थान के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सर्वे प्रसारित किया। इस सर्वे में 200 में से भाजपा को 120 सीटें तक बताई गई, जबकि कांग्रेस की गाड़ी 80 सीटों पर अटका दी। एबीपी न्यूज के सर्वे से साफ जाहिर रहा कि इस साल के अंत में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार राजस्थान से हट जाएगी। न्यूज चैनलों पर ऐसे सर्वे होते रहते हैं। राजनीतिक दल अपने नजरिए से प्रतिक्रिया देते हैं। चूंकि यह सर्वे मतदान से चार माह पहले हुआ, इसलिए कोई खास महत्व नहीं रखता, लेकिन अगले ही दिन 28 जुलाई को सीएमओ ने मैनेज कर एबीपी न्यूज़ के संवाददाता को सीएम गहलोत के समक्ष उपस्थित कर दिया। हालांकि अभी भी सीएम के दोनों पैरों के निचले हिस्सों में प्लास्टर बंधा है, लेकिन फिर भी एबीपी न्यूज़ का इंटरव्यू दिया गया। सीएम का कहना रहा कि वो तथ्य सही नहीं है, जिसमें कांग्रेस को हारा हुआ बताया जा रा है। राजस्थान की जनता को लगता है कि यदि भाजपा सत्ता में आ गई तो कल्याणकारी योजनाएं बंद हो जाएगी। योजनाओं का लाभ लेते रहने के कारण ही प्रदेश की जनता इस बार रिवाज तोड़ते हुए कांग्रेस सरकार को रिपीट करेंगे।
गहलोत ने यह भी कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मेरे साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। दिल्ली में राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के साथ हम दोनों की जो बैठक हुई, उसके बाद विवाद खत्म हो गया है। सीएम गहलोत ने एबीपी न्यूज को भरोसा दिलाया कि पायलट सहित सभी नेता मिल कर चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को बहुमत दिलवाएंगे। गहलोत ने कहा कि यह पहला मौका है, जब सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी नहीं है। राजनीति खास कर कांग्रेस की राजनीति में गहलोत के इस इंटरव्यू को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि गहलोत ने सचिन पायलट का सहयोग अपेक्षित माना है। स्वयं गहलोत भी यह नहीं चाहते हैं कि पायलट अलग दिखे। कांग्रेस हाईकमान ने भी माना है कि गहलोत और पायलट मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो कांग्रेस की जीत हो जाएगी। गहलोत का ताजा इंटरव्यू भी दर्शाता है कि जीत के लिए पायलट का सहयोग जरूरी है। एबीपी न्यूज ने भी अपने सर्वे में भाजपा की जीत का एक कारण गहलोत और पायलट के विवाद को माना है। हालांकि कई मौकों पर सीएम गहलोत मीडिया और चुनावी सर्वे की कड़ी आलोचना कर चुके हैं। मीडिया खासकर न्यूज चैनलों के खिलाफ तो गहलोत अक्सर बोलते हैं, लेकिन जब एबीपी न्यूज ने कांग्रेस को हारा हुआ बता दिया तो उसी चैनल के संवाददाता को बुलाकर इंटरव्यू दिया। असल में दो बार गहलोत के मुख्यमंत्री रहते कांग्रेस को हारना पड़ा। गहलोत इस बार इस तथ्य को बदलना चाहते हैं, इसलिए न्यूज चैनलों और अखबारों में बड़े बड़े विज्ञापन दिए जा रहे हैं। यह बात अलग है कि ऐसे विज्ञापनों के बाद भी मतदान से चार माह पहले ही एबीपी न्यूज कांग्रेस को हारा हुआ घोषित कर दिया।
गहलोत का फोटो:
29 जुलाई को प्रदेश के दैनिक समाचार पत्रों में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। इस विज्ञापन में विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को जन्मदिन पर बधाई दी गई है। विज्ञापन में जोशी को एसोसिएशन का मार्गदर्शक और मुख्य संरक्षक बताया गया है। इस विज्ञापन की खास बात यह है कि इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का फोटो भी लगाया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत ही क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
एस पी मित्तल
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