समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 2नवंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाई है. बीते दिनों रिश्वत लेने वाले एक डिप्टी एसपी विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेते पाया गया था. इस पर राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई की जा रही है. आजतक में प्रकाशित खबर के मुताबिक अब सीएम योगी ने तत्कालीन क्षेत्राधिकारी डीएसपी विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेने के आरोप में मूल पद पर प्रत्यावर्तित करने का फैसला लिया है.
बता दें कि साल 2021 में विद्या किशोर शर्मा को रामपुर ट्रांसफर किया गया था. यहां उन्हें रिश्वत लेने के मामले में ट्रांसफर कर दिया गया और मामले की जांच शुरू की गई. इसके बाद जांच में विद्या किशोर शर्मा को दोषी पाया गया है इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अब सख्त एक्शन लिया गया है और डिप्टी एसपी को सिपाही बनाने को लेकर निर्देश जारी कर दिया गया है.
इस बाबत गृह विभाग द्वारा ट्वीट कर जानकारी साझा की गई है. रामपुर सदर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेने के आरोप में मूल पद पर वापस कर दिया गया है. विद्या किशोर शर्मा पर घूस लेने का आरोप लगा जिसके बाद जांच में यह आरोप सही पाई गई और इसके बाद विद्या किशोर शर्मा पर कार्रवाई की गई है.
क्या है मामला
सीओ विद्या किशोर शर्मा पर साल 2021 में रामपुर में पोस्टिंग के दौरान कई आरोप लगे थे. एक बलात्कार के मामले में आरोप लगा था कि पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है और इस बाबात विद्या किशोर का एक वीडियो सामने आया था. इसके बाद तत्कालीन सीओ विद्या किशोर शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया. इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद मुरादाबाद एएसपी द्वारा कार्रवाई की गई. ऐसे में जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद योगी आदित्यनाथ द्वारा इस बाबत कड़ा एक्शन लिया गया है.
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