समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 जून: देश में सहकारी आंदोलन को नई ऊर्जा देने के लिए केंद्र सरकार ने 30 जून को बड़ा कदम उठाया है। नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित होने वाली सहकारिता मंत्रियों की मंथन बैठक में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह खुद अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्री और विभागीय सचिव शामिल होंगे।
सहकार से समृद्धि का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ विजन को धरातल पर उतारने के लिए यह मंथन बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। सहकारिता मंत्रालय अब तक की योजनाओं और पहलों की समीक्षा करेगा, ताकि राज्यों से मिली जानकारी और सुझावों के आधार पर नई रणनीति बनाई जा सके।
बैठक में 2 लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना पर चर्चा होगी। यह ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा वितरण को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में सहायक साबित होंगी
विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना पर फोकस
बैठक में ‘विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना’ पर भी विस्तार से विमर्श होगा। इसका मकसद खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों को सशक्त बनाना है। इसके अलावा ‘सहकारिता में सहकार’ अभियान और अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत राज्यों की प्रगति का भी आकलन किया जाएगा
डिजिटल बदलाव से लेकर मानव संसाधन विकास तक
PACS और राज्यों के रजिस्ट्रार ऑफिस के कंप्यूटरीकरण, राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस और नीति निर्माण में इसके उपयोग पर भी चर्चा होगी। त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना के माध्यम से मानव संसाधन विकास और प्रशिक्षण को नई दिशा देने की योजना है
सहकारी बैंकिंग को मजबूत बनाने की तैयारी
केंद्र सरकार सहकारी बैंकिंग को और मजबूत करने की दिशा में साझा सेवा इकाई (SSE) और शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए अंब्रेला संगठन के संचालन पर भी चर्चा करेगी। यह कदम सहकारी बैंकों की पारदर्शिता और वित्तीय स्थिरता को मजबूत करेंगे।
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