समग्र समाचार सेवा
सहारनपुर, 01 अगस्त: भगवा आतंकवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी के तीखे हमलों के बीच कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने करारा जवाब देते हुए भाजपा सरकार में रहे पूर्व गृह सचिव आर.के. सिंह पर बड़ा आरोप लगाया है। मसूद ने दावा किया कि ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द की रचना खुद आर.के. सिंह ने की थी और इसके बदले उन्हें दस वर्षों तक मंत्री पद से नवाजा गया।
सहारनपुर से सांसद मसूद ने कहा, “ये पूरा नैरेटिव उन्होंने (आर.के. सिंह) गढ़ा था। इसके बदले उन्हें बीजेपी ने पुरस्कृत किया और वे दस साल तक मंत्री बने रहे। अब देश सब समझ चुका है।”
NIA पर भी उठाए सवाल, न्याय पर जताई शंका
इमरान मसूद ने NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि “जिन लोगों की जान गई, उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ। स्कूटर किसके नाम था, ये सब जनता जानती है। लेकिन NIA इस मामले को उच्च अदालत में नहीं ले जाएगी। मुंबई केस में तो तुरंत हाईकोर्ट गए थे, फिर इस मामले में चुप क्यों?”
मसूद का इशारा उन मामलों की ओर था जिनमें कथित रूप से ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल हुआ और बाद में आरोपी बरी हो गए।
“सरकार हिंदू-मुस्लिम कर जनता को गुमराह कर रही है”
इमरान मसूद ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बार-बार हिंदू-मुस्लिम किया जा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था गर्त में जा चुकी है। व्यापार तबाह हो चुके हैं और जल्द ही देश की हालत ऐसी होगी कि लोगों के हाथ में कटोरा आ जाएगा।”
भागवत की गिरफ्तारी के दावे को बताया “बकवासबाज़ी”
पूर्व ATS अधिकारी महबूब मुजावर के उस दावे पर भी मसूद ने प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का निर्देश मिला था ताकि भगवा आतंकवाद की थ्योरी को स्थापित किया जा सके।
इमरान मसूद ने कहा, “ये सब बकवासबाज़ी है। सब अफसर आज सरकार की हां में हां मिला रहे हैं। अगर तब सरकार से दबाव था तो उस वक़्त क्यों नहीं बोला? अब क्यों सामने आ रहे हो?”
राजनीतिक साज़िश या सच्चाई? विपक्ष के सुर में सुर
मसूद के इस बयान को समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं का भी समर्थन मिला है। सपा संरक्षक शिवपाल यादव ने इशारों में कहा, “कौन नहीं जानता कि ये नैरेटिव कहां से चला था।” इससे विपक्ष का एक साझा स्वर बनता दिख रहा है जो इस पूरे ‘भगवा आतंकवाद’ विमर्श को राजनीतिक साजिश बता रहा है।
इमरान मसूद के बयान ने एक बार फिर ‘भगवा आतंकवाद’ को लेकर सियासी बहस को हवा दे दी है। जहां बीजेपी इसे राष्ट्रविरोधी प्रचार बताकर घेर रही है, वहीं कांग्रेस समेत विपक्ष इसे सरकार द्वारा गढ़ा गया नैरेटिव बता रहा है। आने वाले चुनावी मौसम में यह मुद्दा फिर गरमाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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