कोलंबिया में शशि थरूर का बयान: भारत ने सिंधु जल संधि 1960 में की थी अच्छी नीयत से, अब पाकिस्तान के आतंकवाद के कारण स्थगित की
समग्र समाचार सेवा,
कोलंबिया, बोगोटा, 30 मई: कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि 1960 में अच्छी नीयत और सौहार्द के साथ की थी। लेकिन पिछले चार दशकों से पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित आतंकवाद ने इस संधि का बार-बार अपमान किया है। उन्होंने बताया कि भारत अब केवल आत्मरक्षा के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहा है।
बोगोटा में मीडिया से बातचीत के दौरान थरूर ने कहा, “सिंधु जल संधि को भारत ने नेक नीयत और सौहार्द के साथ पाकिस्तान को दिया था। प्रस्तावना में भी ये बातें दर्ज हैं। लेकिन अफसोस कि आतंकवादी हमलों के चलते इस अच्छी नीयत का बार-बार उल्लंघन हुआ। भले ही हम दशकों तक आतंकवाद झेलते रहे, पर संधि लागू रही। लेकिन अब वर्तमान सरकार ने इसे स्थगित कर दिया है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान से संतोषजनक संकेत मिलने तक संधि को लागू नहीं किया जाएगा।”
एकतरफा सौहार्द का दौर खत्म
थरूर ने कहा, “हम एक ऊपरी तटवर्ती देश हैं। भारत ने उदारता दिखाई है और पाकिस्तान को पूरा हक दिया, जबकि खुद भारत ने अपने हिस्से का पूरा पानी भी इस्तेमाल नहीं किया। लेकिन अब केवल नेकनीयति पर भरोसा करने का वक्त खत्म हो चुका है।”
पाकिस्तान की मिलीभगत पर सवाल
उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि 22 अप्रैल को भारत में हुआ यह हमला बिना सजा नहीं छोड़ा जाएगा। भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए। थरूर ने पाकिस्तान में एक प्रतिबंधित आतंकी के भव्य जनाजे और उसमें पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य व पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति को आतंकवादियों के साथ मिलीभगत बताया।
कोलंबिया की प्रतिक्रिया पर निराशा
शशि थरूर ने कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया पर निराशा जताई कि उन्होंने भारत के हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना जताई, लेकिन पहलगाम हमले के शिकार लोगों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व
शशि थरूर के नेतृत्व में कोलंबिया गए ऑल पार्टी प्रतिनिधिमंडल में लोक जनशक्ति पार्टी की शांभवी चौधरी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद, तेलुगु देशम पार्टी के जी एम हरीश बालयोगी, भाजपा के शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर कालिता, शिवसेना के मल्लिकार्जुन देवड़ा, पूर्व अमेरिकी राजदूत तरनजीत सिंह संधू और शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा शामिल हैं।
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