आम आदमी पार्टी की बढ़ी मुश्किलें, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग केस

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18 जुलाई: दिल्ली की सियासत में हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) एक बार फिर कानून के घेरे में है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पार्टी के शासनकाल में हुए तीन प्रमुख घोटालोंअस्पताल निर्माण, सीसीटीवी प्रोजेक्ट, और शेल्टर होम घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है। ईडी ने इन मामलों में ECIR (Enforcement Case Information Report) दर्ज कर ली है।

सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को समन भेजे जा सकते हैं और पूछताछछापेमारी की कार्रवाई शुरू हो सकती है।

अस्पताल निर्माण में 5,590 करोड़ का घोटाला?

इस केस में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की भूमिका सवालों के घेरे में है। 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 24 अस्पतालों के निर्माण को मंजूरी दी थी। छह महीने में ICU अस्पताल तैयार करने का लक्ष्य था, लेकिन तीन साल बाद भी आधे से अधिक काम अधूरा है।

एलएनजेपी अस्पताल का बजट 488 करोड़ से बढ़कर 1,135 करोड़ तक पहुंच गया। निर्माण में देरी, ठेकेदारों की संदिग्ध भूमिका और बिना मंजूरी निर्माण जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं

सीसीटीवी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप

2019 में 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख CCTV कैमरे लगाने का वादा किया गया था। BEL को ठेका दिया गया लेकिन समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ। BEL पर लगाया गया 17 करोड़ का जुर्माना बिना कारण माफ कर दिया गया। आरोप है कि इसके बदले में सत्येंद्र जैन को 7 करोड़ रुपए की रिश्वत ठेकेदारों के जरिए दी गई

शेल्टर होम और DUSIB में भी हेराफेरी

DUSIB से जुड़े मामले में ₹207 करोड़ की फर्जी FDR के जरिए गड़बड़ी सामने आई है। पटेल नगर में 15 लाख की सड़क परियोजना में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसके अलावा, 250 करोड़ का शेल्टर होम घोटाला सामने आया है, जिसमें लॉकडाउन के दौरान कागज़ों पर काम दिखाकर फर्जी कर्मचारियों को वेतन देकर पैसा नेताओं तक पहुंचाने का आरोप है।

कार्रवाई की तैयारी में ईडी, CBI और ACB भी सक्रिय

जानकारी के मुताबिक, CBI और ACB ने इन मामलों में पहले ही FIR दर्ज की हुई है। उन्हीं के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। अब इन सभी एजेंसियों का फोकस AAP के नेताओं और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ पर है।

यह कार्रवाई आने वाले चुनावी मौसम में आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा राजनीतिक संकट बन सकती है।

 

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