संसद के कर्मचारियों के नए ड्रेस कोड पर कांग्रेस ने “संसद को एकतरफा पक्षपातपूर्ण चीज़” बनाने का लगाया आरोप

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 सितंबर। संसद के कर्मचारियों के लिए फूलों की आकृति वाले नये ड्रेस कोड पर मंगलवार को राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया और कांग्रेस ने इसे सत्तारूढ़ दल के चुनाव चिह्न को बढ़ावा देने की ”घटिया” रणनीति करार दिया. कांग्रेस ने भाजपा पर “संसद को एकतरफा पक्षपातपूर्ण चीज़” बनाने का आरोप लगाया और आश्चर्य जताया कि पोशाक डिजाइन में कमल की आकृति का उपयोग क्यों किया गया.

बता दें कि लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक आंतरिक परिपत्र के अनुसार, मार्शलों, सुरक्षा कर्मचारियों और अधिकारियों, चैंबर अटेंडेंट और ड्राइवरों को नई वर्दी जारी की गई है, जिसे नए संसद भवन के कामकाज शुरू होने के बाद उन्हें पहनना होगा.

नौकरशाहों के ‘बंदगला’ सूट की जगह मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट लेगी . उनके लिए शर्ट में भी फ्लोरल डिजाइन होगा. कर्मचारी खाकी रंग की पैंट पहनेंगे.

संसद के दोनों सदनों में मार्शलों की नई पोशाक में अब मणिपुरी पगड़ी शामिल होगी. संसद सुरक्षा कर्मचारी नीले सफारी सूट के बजाय सेना के पैटर्न वाली पोशाक में नजर आएंगे.महिला अधिकारियों को सर्दियों के दौरान पहनने के लिए जैकेट के साथ चमकीले रंग की साड़ियां सौंपी गई हैं.

लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मनिकम टैगोर ने एक्स पर कहा, “केवल कमल ही क्यों? मोर क्यों नहीं या बाघ क्यों नहीं? ओह, वे बीजेपी पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं हैं. यह क्यों गिर गया सर ओम बिड़ला.” उन्होंने कहा, “वे कितने सस्ते हैं. उन्होंने जी20 में भी ऐसा किया था. अब भी वे ऐसा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह राष्ट्रीय फूल है.”

कांग्रेस के सचेतक ने आरोप लगाया, ”इस तरह की क्षुद्रता ठीक नहीं है. आशा है कि भाजपा बड़ी होगी और संसद को एकतरफा पक्षपातपूर्ण चीज नहीं बनाएगी.” टैगोर ने कहा कि संसद एक पार्टी के प्रतीक का हिस्सा बनती जा रही है. उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है। संसद सभी पार्टियों से ऊपर है। इससे पता चलता है कि भाजपा हर दूसरी संस्था में हस्तक्षेप कर रही है.”

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