राजनीति के चक्कर में कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने किया सैनिकों का अपमान, सोशल मीडिया पर जमकर हो रही आलोचना

समग्र समाचार सेवा
मंडी, 12 अक्टूबर। ऐसा अकसर हमने देखा है कि नेता विपक्षी दलों पर विवादित बयान देते रहते है। बयान भी उनका ऐसा ही होता है जो अपमान जनक ही होता है। लेकिन बहुत कम बार ही ऐसा देखा होगा कि राजनीति के चक्कर में कोई नेता देश के सैनिकों का अपमान करें। लेकिन हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम और दिवंगत कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने अपनी मर्दाया का उलंघन कर देश के सैनिकों को ही राजनीति में घुसा दिया और करगिल युद्ध को लेकर विवादित बयान दिया है। प्रतिभा सिंह ने बीजेपी के प्रत्याशी पर हमलावर रुख अपनाते हुए करगिल युद्ध को ही छोटा युद्ध बता दिया। प्रतिभा सिंह ने यह कहा कि करगिल युद्ध कोई बड़ा युद्ध नहीं था। वह तो हमारी जमीन पर पाकिस्तानियों ने कब्जा किया था, जिन्हें हटाने का काम किया गया। दरअसल, बीजेपी ने मंडी सीट पर उपचुनाव के लिए करगिल के योद्धा रहे ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को टिकट दिया है।

सोशल मीडिया पर प्रतिभा सिंह का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें वह कह रही हैं, ‘करगिल युद्ध कोई बड़ा युद्ध नहीं था। हमारी जमीन पर पाकिस्तानियों ने कब्जा किया था, जिन्हें हटाने का काम किया गया। उसमें किसी ने हिस्सा लिया हो तो वह कोई इतनी बड़ी बात नहीं थी। करगिल युद्ध छोटी लड़ाई थी।’

प्रतिभा सिंह ने यह कहा कि बीजेपी ने एक फौजी को इसलिए टिकट दिया है क्योंकि उन्होंने करगिल युद्ध में भाग लिया था। वे चाहते हैं कि पूर्व फौजियों के जितने भी वोट हैं वे उन्हें मिलने चाहिए। कोई श्रेय लेना चाहे कि इन्होंने करगिल युद्ध में बड़ी भागीदारी की, तो मैं समझती हूं ये सही नहीं है।

बता दें कि ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर करगिल युद्ध के दौरान 18 ग्रेनेडियर्स के कमांडिंग ऑफिसर थे। 999 में टाइगर हिल से पाकिस्तान को खदेड़ने वाली यूनिट का यह भी एक हिस्सा थी। हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना है।

मंडी लोकसभा सीट पर उपचुनाव काफी रोचक होने वाला है। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा है। वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस को प्रतिभा सिंह के जरिए सहानुभूति मिलने की उम्मीद है। यह सीट भाजपा के पूर्व सांसद रामस्वरूप शर्मा की मौत के बाद खाली हुई थी। 2014 से ही भाजपा यहां काबिज रही है, जिसे इस बार भी बचाए रख पाना उसके लिए चुनौती होगा। रामस्वरूप शर्मा इसी साल मार्च में अपने दिल्ली स्थित आवास में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे।

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