संभल जाने की अनुमति न मिलने पर लखनऊ में धरने पर बैठे कांग्रेस नेता, बैरिकेड पर चढ़े समर्थक

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,2 दिसंबर।
उत्तर प्रदेश के संभल में विवादित मुद्दे पर जाने की अनुमति न मिलने से नाराज कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता लखनऊ में धरने पर बैठ गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने पुलिस की ओर से रोके जाने का कड़ा विरोध किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड पर चढ़कर नारेबाजी की और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।

क्या है पूरा मामला?

कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल संभल में एक संवेदनशील घटना के विरोध में शांति मार्च निकालने और प्रभावित परिवारों से मिलने की योजना बना रहा था। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं को संभल जाने से रोक दिया।

पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन अजय राय और अन्य नेता अपनी मांग पर अड़े रहे। नतीजतन, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय के बाहर धरना देना शुरू कर दिया।

अजय राय का बयान

अजय राय ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा,
“यह सरकार पीड़ित परिवारों से मिलने तक की अनुमति नहीं देती। यह लोकतंत्र की हत्या है। हमें पीड़ितों की आवाज उठाने से कोई नहीं रोक सकता।”
उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर अन्याय और दमनकारी नीतियों का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक जनता के लिए संघर्ष करती रहेगी।

पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच टकराव

धरने के दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड पर चढ़कर नारेबाजी की, जबकि पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश की।

राजनीतिक माहौल गरमाया

इस घटना ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस ने इसे विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास बताया है। वहीं, भाजपा ने इसे कांग्रेस की “ड्रामा पॉलिटिक्स” करार दिया।

कांग्रेस की रणनीति

कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह सरकार की नीतियों और अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी। पार्टी का कहना है कि वह संवेदनशील मुद्दों पर पीड़ितों के साथ खड़ी रहेगी और अपनी आवाज बुलंद करेगी।

निष्कर्ष

लखनऊ में कांग्रेस नेताओं का धरना यूपी की राजनीति में विपक्ष की भूमिका और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की ताकत को दिखाता है। आगामी चुनावों के मद्देनजर, ऐसे मुद्दे राज्य की राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अब देखना यह है कि सरकार और कांग्रेस के बीच यह टकराव किस दिशा में जाता है।

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