किसी अन्य समुदाय का आरक्षण कम किए बिना, सर्वदलीय बैठक में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के बारे में बनी सहमति
समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 12सिंतबर। महाराष्ट्र में एक बार फिर से मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हो गए हैं। इस बीच सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने की घोषणा की। इसके अलावा, आंदोलन प्रमुख मनोज जारांगे से आग्रह किया है कि वे अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करें।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि सर्वदलीय बैठक में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के बारे में सहमति बन गई है। इसके लिए किसी अन्य समुदाय का आरक्षण कम नहीं किया जाएगा। सर्वदलीय बैठक कल मुंबई के सहयाद्रि सरकारी गेस्ट हाउस में हुई। मुख्यमंत्री ने कहा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द किया गया आरक्षण बहाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जस्टिस शिंदे समिति मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर काम कर रही है। राज्य सरकार को कानूनी रूप से इसे लागू करने के लिए कुछ समय चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मराठा आरक्षण मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, कि जालना आंदोलन में आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज सभी मामले तुरंत वापस ले लिए जाएंगे। साथ ही राज्य सरकार ने उन सभी अपराधों को भी वापस लेने का फैसला किया है। राज्य भर में मराठा आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज किए गए हैं।
सीएम एकनाथ ने आगे कहा कि हम लाठीचार्ज की कार्रवाई का समर्थन नहीं करते हैं। बैठक में, हमनें मराठा समुदाय को आरक्षण देने का फैसला किया है। इस बात पर भी सहमति बनी कि अन्य समुदायों के लिए आरक्षण दिया जाना चाहिए बिना किसी हस्तक्षेप के दिया जाए। मराठा को आरक्षण देने का निर्णय कानूनी रूप से मान्य होना चाहिए, इसलिए हम इस पर काम कर रहे हैं। सभी पार्टी नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित किया कि मनोज जारांगे पाटिल को अपनी भूख हड़ताल बंद कर देनी चाहिए।
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