ब्रह्मोस मिसाइल को बदनाम करने की साजिश बेनकाब! फर्जी लेटर के पीछे गहरी साजिश, DRDO ने किया साफ इनकार!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8 मई ।
देश की शान, दुश्मनों के दिलों में खौफ भरने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर सोशल मीडिया पर एक फर्जी चिट्ठी वायरल हो रही है जिसने रक्षा क्षेत्र में हलचल मचा दी है। इस तथाकथित ‘लीक्ड’ चिट्ठी में ब्रह्मोस मिसाइल के कंपोनेंट्स में विफलता का दावा किया गया है और इसके नीचे एक काल्पनिक वैज्ञानिक ‘ए.एस. कुमार’ का नाम भी दर्ज है, जिसे DRDO (Defence Research and Development Organisation) से जोड़ा जा रहा है।

लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है।

#PIBFactCheck ने इस वायरल हो रही चिट्ठी की पूरी तरह से धज्जियाँ उड़ा दी हैं।
सरकारी पुष्टि में कहा गया है:

“यह पत्र पूरी तरह फर्जी है। DRDO द्वारा ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। ‘ए.एस. कुमार’ नाम का कोई वैज्ञानिक DRDO की ARDE (Armament Research & Development Establishment) में कार्यरत नहीं है।”

यह फर्जी पत्र महज़ अफवाह नहीं, बल्कि भारत की सामरिक शक्ति पर हमला है। ब्रह्मोस मिसाइल, जिसे भारत ने रूस के सहयोग से विकसित किया है, दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों में से एक है। ऐसे में इसके खिलाफ अफवाह फैलाना साफ इशारा करता है कि किसी दुश्मन ताकत द्वारा जानबूझकर यह साजिश रची गई है ताकि भारत की सैन्य क्षमता को संदेह के घेरे में डाला जा सके।

इस तरह की फेक खबरें न केवल जनता को भ्रमित करती हैं, बल्कि सेना और वैज्ञानिक समुदाय के मनोबल को भी तोड़ने की कोशिश करती हैं। लेकिन अब भारत जागरूक है, सजग है, और सोशल मीडिया युद्ध में भी लड़ने को तैयार है।

  • ऐसे किसी भी झूठे दस्तावेज़ या पत्र पर यकीन न करें।

  • DRDO की आधिकारिक वेबसाइट और @DRDO_India ट्विटर हैंडल से ही सूचनाएं प्राप्त करें।

  • फेक डॉक्युमेंट्स फैलाना या शेयर करना भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध है।

  • हर वायरल दस्तावेज़ को सच न मानें।

  • किसी भी अप्रत्याशित सूचना को पहले फैक्ट-चेक करें, फिर ही साझा करें।

  • राष्ट्रविरोधी प्रचार का सामूहिक रूप से बहिष्कार करें

ब्रह्मोस न सिर्फ एक मिसाइल है, बल्कि भारत की तकनीकी श्रेष्ठता, आत्मनिर्भरता और सैन्य क्षमता का प्रतीक है। उसे बदनाम करने की हर कोशिश देश की अस्मिता पर हमला है – और भारत ऐसा कोई भी हमला कभी सफल नहीं होने देगा।

– “फर्जी खबरें फैलाना देशद्रोह के समान है। सतर्क रहें, जागरूक बनें और भारत की सुरक्षा में भागीदार बनें।”

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