संविधान संशोधन पर अमित शाह का वार: “जेल से देश नहीं चल सकता, 130वां संशोधन लोकतंत्र की गरिमा का सवाल”
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 अगस्त: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक पर विपक्ष के विरोध को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह विचार पूरी तरह अस्वीकार्य है कि देश को कोई नेता जेल से चलाए। शाह ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री अगर गंभीर अपराध में जेल जाता है और 30 दिनों तक जमानत नहीं मिलती, तो वह पद पर नहीं रह सकता।
उन्होंने विपक्ष के “ब्लैक बिल” विरोध को खारिज करते हुए सवाल किया, “क्या प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई नेता जेल से देश चला सकता है? क्या लोकतंत्र की गरिमा को यह शोभा देता है कि जेल ही पीएम हाउस या सीएम हाउस बन जाए?”
130वां संशोधन क्या कहता है?
शाह ने स्पष्ट किया कि इस संशोधन में प्रावधान है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री अगर गंभीर आरोपों में गिरफ्तार होकर 30 दिनों तक जेल में रहता है, तो उसे पद छोड़ना होगा। अगर वह इस्तीफा नहीं देता, तो कानून के तहत पद से हटा दिया जाएगा।
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस संशोधन में पीएम पद को शामिल करने पर जोर दिया। शाह ने कहा, “1975 में इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लाकर संवैधानिक पदों को न्यायिक समीक्षा से बाहर कर दिया था। लेकिन मोदी जी ने खुद के खिलाफ संशोधन लाया है कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाएंगे तो उन्हें इस्तीफा देना होगा।”
संसद में हंगामा और विपक्ष का विरोध
मॉनसून सत्र के दौरान जब शाह ने यह विधेयक पेश किया तो विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध और नारेबाजी की। विपक्ष का कहना है कि यह कानून असंवैधानिक है और भाजपा इसका इस्तेमाल विपक्षी सरकारों को अस्थिर करने के लिए करेगी।
शाह ने विपक्ष पर लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया और कहा, “जब एक निर्वाचित सरकार संसद में संविधान संशोधन लाती है तो चर्चा होनी चाहिए। विरोध करना अधिकार है, लेकिन विधेयक पेश करने से रोकना लोकतंत्र नहीं है। यह बिल संयुक्त समिति को भेजा जाएगा, वहां सब अपनी राय रख सकते हैं।”
कांग्रेस और आप पर निशाना
शाह ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब मनमोहन सिंह सरकार ने सजायाफ्ता सांसदों को बचाने के लिए अध्यादेश लाया था तो राहुल गांधी ने उसे फाड़ दिया और अपने ही प्रधानमंत्री को दुनिया के सामने शर्मिंदा किया। लेकिन आज वही राहुल गांधी बिहार में लालू प्रसाद यादव के साथ मंच साझा कर रहे हैं, जो भ्रष्टाचार में दोषी ठहराए गए हैं।”
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उदाहरण देते हुए कहा कि जेल जाने के बावजूद उन्होंने पद से इस्तीफा नहीं दिया। शाह ने इसे लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ बताया।
130वां संविधान संशोधन विधेयक अब लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त समिति को भेजा जाएगा, जहां सभी दलों के प्रतिनिधि इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इसके पारित होने के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
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