एनडीए के साथी मांझी की विवादित टिप्पणी, कहा- राम को हम नहीं मानते

समग्र समाचार सेवा

पटना, 15 अप्रैल। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा-जेडीयू सरकार के सहयोगी जीतन राम मांझी ने भगवान  राम को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि वह भगवान राम को नहीं मानते हैं। उन्होंने खुद को माता सबरी का वंशज तो बताया लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम को काल्पनिक पात्र मानते हैं।

जो लोग राम को मानते हैंवह दलितों का जूठा क्यों नहीं खाते

जीतनराम मांझी ने छूआछूत की समस्या पर बात करते हुए भगवान राम को लेकर यह विवादित बयान दिया है। गुरुवार को एक कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने सवाल किया कि जो लोग राम को मानते हैं, वह (दलितों) का जूठा क्यों नहीं खाते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े लोगों ने सत्ता के लिए लोगों को बांट दिया है।

हम तुलीदास जी को मानते हैंवाल्मीकि जी को मानते हैं

जीतन राम मांझी ने कहा, ”हम तुलीदास जी को मानते हैं, वाल्मीकि जी को मानते हैं। लेकिन राम को हम नहीं मानते, लेकिन आप यदि कहते हैं हम राम को मानते हैं। राम तो हमारी मां सबरी, जिसको हम कहते हैं, देखा नहीं था कहानी है, राम ने सबरी का झूठा खाए थे, आज हमारा छुआ हुआ तो खाइए आप, आज हमारा छुआ हुआ नहीं खाते हैं। यही राम की बात करते हैं आप। हम लोगों को बांट दिया है शासन करने के लिए।”

मांझी ने पिछले साल भी इस तरह का विवादित बयान दिया था

मांझी ने पिछले साल भी इस तरह का विवादित बयान दिया था और कहा था कि वह राम को भगवान नहीं मानते। भगवान राम को काल्पनिक चरित्र बताते हुए मांझी ने कहा था कि वह कभी उनकी पूजा नहीं करते हैं और अपने समर्थकों से भी राम की पूजा नहीं करने को कहते हैं। इसी दौरान उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर भी विवादित बयान दिया था, जिस पर खूब राजनीति हुई थी और बाद में ब्राह्मणों को भोज देकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की थी।

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