नारियल किसानों की आय बढ़ेगी, कोपरा उत्पादन को प्रोत्साहन: पीएम मोदी
2026 सीजन के लिए कोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी, मिलिंग और बॉल कोपरा दोनों को फायदा
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2026 सीजन के लिए कोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी
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मिलिंग कोपरा और बॉल कोपरा दोनों के दामों में इजाफा
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किसानों को लागत से कम से कम डेढ़ गुना मूल्य देने की नीति जारी
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नेफेड और एनसीसीएफ खरीद एजेंसियों के रूप में सक्रिय रहेंगी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली |13 दिसंबर:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 2026 सीजन के लिए कोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले को नारियल किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे न केवल किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि कोपरा उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि किसानों को उनकी लागत के अनुसार उचित दाम देना उसकी प्राथमिकता है। इसी सोच के तहत 2018-19 के बजट में यह नीति अपनाई गई थी कि सभी अनिवार्य फसलों का एमएसपी उत्पादन की औसत लागत से कम से कम 1.5 गुना तय किया जाएगा। 2026 सीजन के लिए भी इसी नीति का पालन किया गया है।
नए फैसले के अनुसार, मिलिंग कोपरा (फेयर एवरेज क्वालिटी) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 12,027 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जबकि बॉल कोपरा का एमएसपी 12,500 रुपये प्रति क्विंटल होगा। यह बढ़ोतरी पिछले सीजन की तुलना में की गई है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार देशभर के किसान भाई-बहनों के जीवन को आसान बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कोपरा के एमएसपी में बढ़ोतरी से नारियल किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उन्हें बेहतर उत्पादन के लिए प्रेरणा मिलेगी।
आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते वर्षों में कोपरा के एमएसपी में बड़ा इजाफा हुआ है। जहां 2014 के मार्केटिंग सीजन में मिलिंग कोपरा और बॉल कोपरा के दाम काफी कम थे, वहीं अब 2026 तक इनमें 120 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे साफ है कि सरकार ने नारियल उत्पादकों के हितों को लगातार प्राथमिकता दी है।
बढ़े हुए एमएसपी का असर केवल आय तक सीमित नहीं रहेगा। इससे किसानों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए कोपरा उत्पादन बढ़ाने का भरोसा भी मिलेगा। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (एनसीसीएफ) पहले की तरह कोपरा की खरीद के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के रूप में काम करती रहेंगी, ताकि किसानों को एमएसपी का लाभ बिना किसी बाधा के मिल सके।
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