कुमार राकेश : जनता कर्फ्यू,22 मार्च 2020 को भारत के इतिहास में पहली बार,न भूतो न भविष्यति.महात्मा गाँधी के बाद शायद पहली बार किसी नेता के आह्वान पर देश एक बड़े कारण के लिए एक सूत्र में बंधा दिखा,वो हैं लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेद्र भाई मोदी के आह्वान पर .ये जनता कर्फ्यू था-विश्व की सबसे बड़ी महामारी नावेल कोरोना व्यारस 19 को भारत से भगाने से लिए और कोरोनावीरों का धन्यवाद करने के लिए.इस कार्य के लिए सभी भारतवासी और उनका ज़ज्बा नमन करने योग्य है.
अद्भुत नज़ारा.विहंगम दृश्य.तेज ही तेज.पूरा देश एक जुट.मंदिर वाले, मस्जिद वाले, गुरुद्वारा वाले,चर्च वाले .सब मिलकर एक जुट थे,सब साथ साथ थे.सब एक सुर व ताल में थे.फिल्म स्टार हो या न्यायविद या छोटे.राजनेता हो या सडक पर बैठा एक आदमी.संसद से सडक तक.राष्ट्रपति भवन से आम जन तक .सब एक सुर,लय,ताल में एक ही गीत की धुन में व्यस्त रहे.कोरोना भगाओ-देश बचाओ.पूरा भारत ताली,थाली और शंखनाद,घंटी व घंटे के अनुपम अनुशासन में.सभी अपने अपने स्तर पर नाद ब्रहम की मदद से कोरोना को भगाने के उपक्रम में मशगूल.जब पूरी दुनिया में त्राहि माम त्राहि माम है तो हम अपने अवाम के साथ संयम और संकल्प का परिचय देने में जुट गए है.
थाली,ताली और शंखनाद ध्वनि शक्ति का अनुपम संगम एक वैज्ञानिक प्रयोग बताया जा रहा है जिसका रिश्ता अध्यात्म से भी है.यही हमारी संस्कृति है.अनुपम संस्कृति का अनुपम प्रयोग.संभवतः आजतक किसी देश ने नहीं किया.
भारत से पूर्व स्पेन और इटली के निवासियों ने कोरोना के खिलाफ अपने अपने घरो में गीत गाकर कोरोना का विरोध तो किया था पर भारत जैसा अद्भुत नाद संगम प्रयोग विश्व में किसी देश ने नहीं किया.इसके सकारातमक परिणाम आने की सम्भावना है.
नोवल कोरोना 19 का भय विश्वव्यापी हो गया है.188 देशो में इस प्रकोप ने अपने पैर पसार लिये हैं .इस कोरोना के भय से क्या आतंकवादी हो या नक्सलवादी सब अपने अपने दरबो में घुस गए हैं.इस कोरोना में पूरी मानव जाति को असहाय साबित करने पर तुला हुआ है.पर ये इंसान है प्रकृति का अद्भुत आविष्कार.इतनी जल्दी हार मानने वाला नहीं.पर वो तो कल देखा जायेगा.पर समग्र बचाव के लिए जंग जरुरी है.जंग जारी है.जारी रहेगी.चाहे कुछ भी हो.
मृत्यु का भय और मौत की ताक़त के आगे सब नतमस्तक.सब निसहाय,निरुपाय, असमर्थ,बेसहारा, लाचार.करे तो क्या करे,क्या न करे,प्रकृति के न्याय के आगे कोई नहीं .इसलिए कहा गया है कि जैसा करोगे,वैसा ही मिलेगा.मानव के प्रकृति विरोधी कार्यों का फल पूरी मानव जाति को भगतने को मजबूर होना पड़ रहा है.आप माने या न माने ये सच है.हमारे सनातन वैदिक हिन्दू धर्म में सभी प्राणियों को एक जैसा सम्मान देने की विस्तृत तौर पर चर्चा है.शाकाहारी जीवन की सराहना की गयी है.फलाहार को सर्वोत्तम आहार बताया गया है .पर जानवरों का भक्षण नहीं.इतिहास गवाह हैं,जब जब मानव समाज ने ईश्वर व प्रकृति के बनाये गए नियमो के खिलाफ गया,उसे उनका कोप झेलने को मजबूर होना पड़ा.
चीन के बुहान शहर से निकला नोवल कोरोना-19 सबसे पहले दिसम्बर 2019 एक अमेरिकी नागरिक को लपेटे में लिया था.उसके बाद 2 जापानी नागरिक उसके चपेट में आये.फिर एक थाई नागरिक .फिर देखते ही देखते 10 देश ,फिर 20 देश.बाद में 50 देश और आज वो नरभक्षी कोरोना 188 देशों को अपने जाल में फंसा चुका हैं.आज की तारीख में करीब 3 लाख 20 हज़ार लोगो कोरोना संक्रमण के दायरे में आ चुके हैं.जिनमे करीब 15 हज़ार अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए हैं तो करीब एक लाख लोगो को तात्कालिक चिकित्सा से पूर्ण रुप से बचाया भी जा चुका है.आज तक की स्थिति के अनुसार भारत के साथ कई अन्य देश lockdown के दायरे में आ चुके हैं.भारत में पहला केस 30 जनवरी 2020 को पता चला था.पूरे देश में 7 केस से अबतक 467 के करीब मामले प्रकाश में आ चुके हैं.सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र और केरल है.
प्रधानमन्त्री श्री मोदी से लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया गया है कि सब अपने अपने राज्यों में स्थिति को नियंत्रण करें को लेकर सभी जरुरी उपायों पर अमल करे और करवाए.महाराष्ट्र के 4 शहरो को पूरी तरह lockdown किया जा चूका है,जबकि उत्तरप्रदेश में 16 जिलो को lockdown कर दिया है.लखनऊ का कनिका कपूर काण्ड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है.ऐसी गैरजिम्मेदार महिला के खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई की जरुरत थी.जो किया गया.उस महिला के खिलाफ पुलिस प्रशासन से 4 मामले दर्ज कर चुकी है.लंदन निवासी इस महिला कलाकार ने भारत का बड़ा नुक्सान करने की कोशिश की है.
नोवल कोरोना 19 के पहले भी विश्व को पिछले 25 वर्षो में ऐसे कई वायरसों से लोहा लेना पड़ा है.सफलता भी मिली है.पर जान माल का काफी नुक्सान भी विश्व को उठाना पड़ा था.उन वायरसों में मारबर्ग ,निपाह,H5N1बर्ड फ्लू ,इबोला,H7N9 बर्ड फ्लू,स्वाइन फ्लू जैसे वायरसों ने समय समय पर विश्व के सभी देशो का बड़ा नुकसान किया था.पर भारत और अन्य देश सचेत हो चुके हैं.
सबसे ज्यादा नुक्सान चीन के बाद ईरान,दक्षिण कोरिया,इटली का हुआ है.सबसे ज्यादा मौतें चीन में हुयी है.पर चीन अब दावा कर रहा है कि अब स्थिति उनके नियंत्रण में आ चुका है.पर इस पर ज्यादा लोग भरोसा नहीं कर पा रहे हैं.ये भी विश्व चिंता की बात है कि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्कल भी इस महामारी की चपेट में आ गयी है.स्पेन और कनाडा के प्रधानमंत्री की पत्नियां भी एक महामारी की गिरफ्त में आ गयी थी.वैसे अभी तक के आंकड़े के परिपेक्ष्य में सही समय पर उचित उपचार से इस महामारी को विश्व पटल से भगाने की हर संभव कोशिशे जारी हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अपने स्तर पर इस महामारी के रोकथाम के लिए कई प्रकार के अनुसन्धान में जुट तो गया है परन्तु अभी तक सामान्य नुस्खों के अलावा कोई ठोस उपाय नहीं बता सका है.हालांकि अमेरिका के राष्र्टपति डोनाल्र ट्डंप ने दावा किया है कि वो जल्द ही कोई न कोई दवा इजाद करवा कर ही मानेगे.भारत में भी कई स्तरों पर शोध कार्य जारी है.आशा है जल्द ही नोवल कोरोना 19 पर लगाम लगाया जा सकेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने 23 मार्च को देश के कुछ चुनिन्दा टी वी चैनलों के मालिको से वीडियो कांफ्रेंस से बातचीत की.श्री मोदी ने सभी मीडिया की भूमिका को सराहा और नोवल कोरोना19 से लड़ाई में एक जुट होकर जन जागरण की अपील की.ये बात दीगर है कि प्रधानमंत्री के तमाम निर्देशों के वावजूद भारत के दिल्ली समेत कई हवाई अड्डो पर विदेश से आने वाले यात्रियों को पिछले 5 दिनों में कई प्रकार की परेशानियों से सामना करना पड़ा.भारत सरकार के साथ राज्य के भी सभी सरकारी कार्योलयों को भी जन हित में मुस्तैद रहने की जरुरत है.जब देश के प्रधानमंत्री ने अपने स्तर पर खुद को देश कल्याण के लिए समर्पित कर दिया है.
समग्र तौर पर देखे तो ये चिंता और चिंतन का दौर है.मनन व मंथन का दौर है.मिलन व मिलाने का दौर नहीं बल्कि दूर से नमस्ते व नमन का दौर है.सोने नहीं जगाने का दौर है.खोये को पाने का दौर है.अपनों से अपने से जानने का दौर है.भविष्य की मजबूती के लिए अभी थोड़ी दूरी बनाने का दौर है.पर डरने और डराने का दौर नहीं.एक दुसरे को उत्साहित कर जीने के लिए प्रेरित करने का दौर है.
इसलिए मेरा मानना है .कोरोना से कभी डरो न..सिर्फ अपने परिवार के साथ रहो न..हाथ न मिलाओ कभी..सिर्फ नमस्ते करो न..नो कोरोना,नेवर कोरोना 19..गो कोरोना..,अब कभी आओ न.बाय बाय कोरोना.हारेगा कोरोना.भागेगा कोरोना.
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