सेवा में जान की कीमत: वायुसेना की ‘ग्रीन एयर कॉरिडोर’ पर अंग-दान मिशन

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 जून: पिछले शुक्रवार रात एक अनमोल मानवता का उदाहरण सामने आया जब भारतीय वायुसेना के सुपर हरक्यूलिस विमान ने भारतीय सेना के कमांड अस्पताल के डॉक्टरों की टीम को पुणे से नई दिल्ली तक लीवर व दो किडनी लेकर भेजा। अंग दान के लिए सहमति देने वाले परिवार के संकल्प ने तीन लोगों की जिंदगी बचा दी।

मानसिक रूप से मृत महिला ने दी तीनों को नई जिंदगी

59 वर्षीय महिला, जो ब्रेन-डेड घोषित हुई थीं, उनकी अंगदान की अनुमति मिलने पर चार घंटे से भी कम समय में लीवर, दो किडनी और दो कॉर्निया निकाले गए। लीवर को एक नागरिक रोगी में प्रत्यारोपित किया गया जबकि दो किडनी बहादुर जवानों को दी गईं। इस प्रकार तीन जीवन नए सिरे से चल पड़े

ग्रीन एयर कॉरिडोर की भूमिका

इस मानवतावादी मिशन को सफल बनाने में इस ऑपरेशन का नया पहलू था – ‘ग्रीन एयर कॉरिडोर’। वायुसेना ने इस मेडिकल आपातकालीन उड़ान के लिए रडार, विमानों की प्राथमिकता, और ग्राउंड क्लीयरेंस में विशेष सुविधा दी, जिससे अंग समय पर गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच सके।

समन्वय की मिसाल: AFMS व वायुसेना

सशस्त्र सेनाओं की चिकित्सा सेवाओं (AFMS) और वायुसेना के बीच सूक्ष्म समन्वय ने इस मिशन को जीवंत बनाया। दक्षिणी कमान के बयान में कहा गया कि पुलिस, एयर ट्रैफिक नियंत्रण से लेकर अस्पताल तक सभी ने मिलकर उसे सफल बनाया। यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि मानवीय समर्पण की मिसाल है

इतिहास गवाह: यह पहला नहीं

यह पहला मौका नहीं जब वायुसेना ने ऐसे मिशन किए हों:

  • 2015, अगस्‍त: पुणे से दिल्ली लीवर व किडनी रिलीव फ्लाइट
  • 2023, फरवरी: ब्रेन-डेड सैनिक का हृदय दिल्ली से पुणे भेजा गया
  • 2024, फरवरी: नई दिल्ली से पुणे Dornier विमान से आपात टीम पहुंचाई
  • मानवता के लिए अडिग प्रतिबद्धता

यह मिशन दर्शाता है कि भारतीय सशस्त्र बल न केवल सीमाओं की रक्षा करते हैं, बल्कि मुश्किल घड़ियों में मानवता की सेवा के लिए भी तत्पर रहते हैं। उनके सहयोग, तत्परता और समर्पण ने साबित किया—एक देश तभी महान होता है, जब वह आपात में भी व्यक्ति की कीमत को समझे और उसकी जान बचाए।

 

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