समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 मार्च। मनीष सिसोदिया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. सीबीआई वाले मामले में कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला 21 मार्च तक के लिए टाल दिया. बता दें कि मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था. उधर, कोर्ट ने सिसोदिया को 7 दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया है.
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार करने के बाद आज ईडी ने राउज एवन्यू कोर्ट में पेश किया. ईडी ने सिसोदिया से पूछताछ के लिए कोर्ट से 10 दिन की रिमांड देने की मांग की है. ईडी ने कोर्ट में कहा कि एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव को नहीं माना गया.प्रॉफिट मार्जिन को बढ़ाया गया. दक्षिण भारत के ग्रुप को फायदा पहुंचाया गया. ईडी ने कहा जो पॉलिसी बनाई गई उसमें गड़बड़ी की गई थी.होलसेल को 12 प्रतिशत में प्रॉफिट का मर्जन रखा गया जो इस पॉलिसी के पूरी तरह खिलाफ था.
ईडी ने कहा कि आरोपी मनोज राय ने अपने बयान में कहा विजय नायर सिसोदिया के इशारे पर काम कर रहा था. ED ने कहा कि देवेन्द्र शर्मा (सिसोदिया पीएस) ने अपने बयान में कहा कि उसके नाम पर सिम कार्ड और फोन का इस्तेमाल किया गया. ED ने कहा कि बड़ी तादात में डिजिटल एविडेंस को नष्ट किया गया. ED ने कहा कि मनी ट्रेल का पता लगाना है.ED ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने एक साल के भीतर 14 फोन को नष्ट किया, दूसरे नाम पर सिम कार्ड और फोन को खरीदा गया.
मनीष सिसोदिया की तरफ से सीनियर वकील दयान कृष्णन ने कहा कि ये ईडी का मामला ही नहीं बनता . वकील ने कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए कहा कि आपको ये दिखाना होगा कि पैसा उसके पास गया. वो दिखा दें कि 1 रुपया भी उनके पास गया. सीबीआई मामले में हम आपके सामने जमानत पर बहस करने वाले थे.मुझे पहले कभी नहीं बुलाया गया. जमानत की सुनवाई से एक दिन पहले मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. सिसोदिया के वकील ने कहा कि, जब सरकार की पॉलिसी बनती है तो कई स्तरों से गुजरती है.चुनी हुई सरकार के अलावा संबंधित विभाग, वित्त विभाग से होते हुए, LG के पास जाता है. एलजी ने पॉलिसी को देखा. एलजी ने जो शिकायत की है वो टेंडर के बाद की है. पहले की नहीं.यहां टेंडर से पहले की बात हो रही है.
इसके अलावा सिसोदिया को कोई पैसा नहीं मिला, उनके पास कोई पैसा भी नहीं मिला. अब कहा जा रहा है विजय नायर सिसोदिया के लिए काम कर रहा था. PMLA बेहद सख्त कानून हैं. यहां पुख्ता सबूत के बजाय एजेंसी की धारणा के हिसाब से गिरफ्तारी हो रही है. मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी बोल रही है विजय नायर मनीष सिसोदिया के रिप्रजेंटिव हैं. वकील ने कहा कि आबकारी पॉलिसी बनाने से पहले की क्या स्थिति थी उसकी जांच एजेंसी कर रही है .
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने 6 मार्च को सिसोदिया को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. न्यायाधीश ने 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले उन्हें सीबीआई की सात दिनों के लिए रिमांड पर भेजा था. न्यायाधीश ने सीबीआई को सिसोदिया की जमानत अर्जी पर शुक्रवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.
सिसोदिया ने दावा किया है कि उन्होंने जांच के दौरान केंद्रीय एजेंसी के साथ पूरा सहयोग किया.
सिसोदिया ने कहा कि चूंकि सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी है, इसलिए उन्हें हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है और इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य अभियुक्तों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है. उन्होंने बताया है कि उन्होंने एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद संभाला है और समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं. हालांकि, पिछली सुनवाई के दौरान केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश वकील ने कहा कि फिलहाल सीबीआई रिमांड नहीं मांग रही है, लेकिन अगले 15 दिनों में वे इसकी मांग कर सकते हैं.
Comments are closed.