समग्र समाचार सेवा,
नई दिल्ली, 3 जून: भारत में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में हल्की लेकिन चिंताजनक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पिछले 24 घंटों में 5 मरीजों की मौत हुई है, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 4,026 हो गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में सामने आई है। जान गंवाने वाले मरीज केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और इनमें से सभी पहले से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे।
राज्यवार स्थिति: केरल में सबसे अधिक सक्रिय मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश के कई राज्यों में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन केरल में सबसे ज्यादा 1,416 मामले दर्ज किए गए हैं। अन्य प्रमुख राज्यों की स्थिति इस प्रकार है:
- महाराष्ट्र: 494
- दिल्ली: 393
- गुजरात: 397
- कर्नाटक: 311
- तमिलनाडु: 215
- पश्चिम बंगाल: 372
- उत्तर प्रदेश: 138
इन आंकड़ों से साफ है कि संक्रमण की रफ्तार धीमी जरूर है, लेकिन राज्यवार सक्रियता बढ़ रही है, जिससे सतर्कता आवश्यक हो गई है।
मृतकों की जानकारी: पहले से बीमार मरीजों ने तोड़ा दम
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, सभी मृतक मरीज पहले से ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। उनकी मौत में कोविड संक्रमण एक ट्रिगर की तरह काम कर रहा है।
- केरल: 80 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई जिन्हें निमोनिया, ARDS, मधुमेह और हृदय रोग था।
- तमिलनाडु: 69 वर्षीय महिला, जिन्हें टाइप 2 डायबिटीज और पार्किंसंस रोग था।
- पश्चिम बंगाल: 43 वर्षीय महिला सेप्टिक शॉक, एक्यूट किडनी इंजरी और कोरोनरी सिंड्रोम से ग्रसित थीं।
- महाराष्ट्र: कोल्हापुर और सातारा से दो मरीजों की मौत की सूचना, दोनों पहले से अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।
महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण, मुंबई बना हॉटस्पॉट
महाराष्ट्र, विशेष रूप से मुंबई, एक बार फिर कोविड का हॉटस्पॉट बनता दिख रहा है। राज्य में सोमवार को 59 नए मामले सामने आए, जिनमें से 20 अकेले मुंबई से हैं। मुंबई में अब 483 सक्रिय मरीज हैं।
पूरे महाराष्ट्र में इस समय कुल 873 संक्रमित मरीज हैं, जिनमें से 369 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं। वर्ष 2025 में राज्य में कोविड से अब तक कुल 10 मौतें हो चुकी हैं। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि महाराष्ट्र में संक्रमण की गति फिर से तेज हो रही है।
नया वेरिएंट NB.1.8.1 बना चिंता का कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा मामलों में तेजी के पीछे ओमिक्रॉन का नया सब-वेरिएंट NB.1.8.1 जिम्मेदार हो सकता है। ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की रिपोर्ट के अनुसार, यह वेरिएंट तेजी से फैलने वाला है और बहुत अधिक म्यूटेशन वाला भी है। हालांकि, यह आमतौर पर हल्की बीमारी ही उत्पन्न करता है और अभी तक इसके कारण किसी बड़े हॉस्पिटलाइज़ेशन की जरूरत नहीं पड़ी है।
आम लक्षण क्या हैं?
अब तक देखे गए लक्षण निम्नलिखित हैं, जो मौसमी फ्लू से मिलते-जुलते हैं:
- बुखार
- खांसी
- गले में खराश
- थकान
- सिरदर्द
- बदन दर्द
- नाक बहना
- भूख में कमी
विशेषज्ञों ने इस वेरिएंट को मौसमी फ्लू जैसा बताया है, लेकिन यह स्पष्ट चेतावनी भी दी है कि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, बुजुर्गों और पहले से बीमार मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
सतर्कता ही बचाव है
हालांकि भारत में कोविड-19 की स्थिति अब पहले जैसी भयावह नहीं है, लेकिन नई लहर और वेरिएंट के संकेत हमें यह याद दिलाते हैं कि वायरस अभी गया नहीं है। मास्क पहनना, हाथों की स्वच्छता बनाए रखना, भीड़-भाड़ से बचना और लक्षणों के दिखते ही जांच कराना—ये अब भी जरूरी हैं।
सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हैं, लेकिन आम नागरिकों की जिम्मेदारी सबसे अधिक है। हल्के लक्षणों को नज़रअंदाज न करें और अगर आप जोखिम वाले समूह में आते हैं, तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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