कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है, सतर्कता औऱ नियमों का पालन करना ना भूलें- डॉक्टर मनसुख मंडाविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बातचीत की; "हर घर दस्तक के दूसरे चरण" अभियान के अंतर्गत स्थिति और प्रगति की समीक्षा की
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14जून। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने आज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के स्वास्थ्य मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ टीकाकरण कार्यक्रम हर घर दस्तक अभियान के दूसरे चरण की प्रगति की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से एक बैठक की अध्यक्षता की। डॉक्टर मंडाविया ने जोर देकर कहा, “कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है। कुछ राज्यों में कोविड के बढ़ते मामलों की खबरें आ रही हैं। इस समय सतर्क रहना और मास्क पहनना और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सुरक्षित दूरी बनाए रखने जैसे कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) को नहीं भूलना चाहिए।”
कुछ जिलों और राज्यों में कोविड मामलों की सकारात्मकता में वृद्धि और कोविड -19 नममूनों की जांच में कमी पर प्रकाश डालते हुए, डॉक्टर मंडाविया ने कहा कि अधिक कोविड नमूनों तथा समय पर की गई जांच से कोविड मामलों की शीघ्र पहचान हो सकेगी और समुदाय में इसके संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से देश में नए म्यूटेंट/वेरिएंट की पहचान करने के लिए निगरानी जारी रखने और जीनोम अनुक्रमण पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, यानी जांच, पहचान, उपचार, टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) के पालन की पांच-स्तरीय रणनीति को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा जारी रखने और निगरानी करने की आवश्यकता है। राज्यों से कोविड-19 के लिए संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशा-निर्देशों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया गया, जो आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं, प्रयोगशालाओं, समुदाय आदि के माध्यम से निगरानी पर केंद्रित है।
कमजोर आयु समूहों के बीच कोविड टीकाकरण के महत्व पर बल देते हुए, उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से 1 जून से शुरू हुए महीने भर चलने वाले हर विशेष टीकाकरण कार्यक्रम घर दस्तक अभियान के दूसरे चरण की स्थिति और प्रगति की समीक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “आइए हम पहली और दूसरी खुराक के लिए 12 से 17 वर्ष के आयु वर्ग के सभी लाभार्थियों की पहचान करने के अपने प्रयासों में तेजी लाएं, ताकि वे टीके की सुरक्षा के साथ स्कूलों में जा सकें।” उन्होंने राज्यों से स्कूल-आधारित अभियानों (सरकारी/निजी/अनौपचारिक स्कूलों जैसे मदरसों, डे केयर स्कूलों) के माध्यम से ग्रीष्म अवकाश के दौरान गैर-विद्यालय जाने वाले बच्चों के लक्षित कवरेज के माध्यम से 12 से 17 वर्ष के आयु समूहों के केंद्रित कवरेज के लिए आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग का जनसंख्या समूह एक संवेदनशील श्रेणी है और इसे एहतियाती खुराक के साथ सुरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नाज़ुक आबादी को एहतियाती खुराक दी जाए।” उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से आग्रह किया गया कि वे नियमित रूप से निजी अस्पतालों के साथ 18 से 59 वर्ष की आयु वर्ग के लिए एहतियाती खुराक दिए जाने के काम की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि हम कोविड के विरुद्ध विस्तारित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पात्र आबादी के बीच 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के लिए पहले हर घर दस्तक अभियान से मिली सीख का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने बल देकर कहा, “देश भर में वैक्सीन की पर्याप्त खुराक उपलब्ध हैं। आइए हम हर घर दस्तक अभियान के दूसरे चरण के दौरान कोविड टीकाकरण की त्वरित कवरेज सुनिश्चित करें।”
उन्हें यह सुनिश्चित करने की भी दृढ़ता से सलाह दी गई कि किसी भी कीमत पर कोविड -19 टीकों की बर्बादी न हो। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसे सक्रिय निगरानी के माध्यम से और “फर्स्ट एक्सपायरी फर्स्ट आउट” यानी जिन टीकों के उपयोग की अंतिम तिथि पहले समाप्त हो रही है उन्हें पहले उपयोग करने के सिद्धांत के आधार पर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पहले समाप्त होने वाली खुराक का उपयोग पहले टीकाकरण के लिए किया जाना चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार ने भी हर घर दस्तकअभियान के दूसरे चरण के माध्यम से राज्यों में त्वरित कोविड टीकाकरण कवरेज पर बल दिया।
बैठक में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, डॉक्टर सपम रंजन सिंह (मणिपुर), श्री आलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश), श्री थन्नीरू हरीश राव (तेलंगाना), श्री अनिल विज (हरियाणा), श्री रुशिकेश गणेशभाई पटेल (गुजरात), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), श्री मंगल पांडे (बिहार), डॉक्टर राजेश टोपे (महाराष्ट्र), डॉक्टर प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश) और डॉक्टर के सुधाकर (कर्नाटक) उपस्थित थे।
डॉ. मनोहर अगनानी, अतिरिक्त सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, सुश्री रोली सिंह, अतिरिक्त सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, श्री लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-एनएचएम के मिशन निदेशकों और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के अन्य अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।
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