बिहार में बढ़ते अपराधों पर प्रशांत किशोर का सरकार पर तीखा हमला, नीतीश कुमार से मांगा इस्तीफा

समग्र समाचार सेवा
सीतामढ़ी, बिहार, 15 जून: बिहार में महिलाओं के खिलाफ लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर राज्य की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। हाल ही में सीतामढ़ी जिले के नानपुर प्रखंड में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की शर्मनाक घटना के बाद जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर (PK) ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कड़ा हमला बोला है

पीड़िता के परिवार से मिले प्रशांत किशोर, न्याय का दिया भरोसा

प्रशांत किशोर रविवार को पीड़िता के गांव पहुंचे और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया और कहा कि जन सुराज की टीम इस मामले की कानूनी निगरानी करेगी, साथ ही ज़रूरत पड़ने पर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा

उन्होंने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा,
“बिहार में हर दिन 3-4 रेप की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज तक एक शब्द भी नहीं बोला। वो अब होश में नहीं हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।”

‘कानून व्यवस्था खत्म’, प्रशांत किशोर का बड़ा आरोप

प्रशांत किशोर ने इस घटना को ‘मानवता को शर्मसार करने वाला’ बताते हुए कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई करता तो इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकती थीं

परिजनों ने भी आरोप लगाया है कि मुख्य साजिशकर्ता अब तक खुले घूम रहे हैं, जबकि कुछ आरोपियों को ही गिरफ्तार किया गया है।

नीतीश सरकार को बताया ‘असंवेदनशील और लापरवाह’

प्रशांत किशोर ने न केवल नीतीश कुमार की आलोचना की, बल्कि JDU सरकार को असंवेदनशील और लापरवाह करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की चुप्पी यह दिखाती है कि उन्हें जनता की पीड़ा की परवाह नहीं है

जनता से बदलाव की अपील

प्रशांत किशोर ने बिहार की जनता से बोलने और बदलाव लाने की अपील करते हुए कहा,
“अगर मुख्यमंत्री ऐसे मामलों पर भी चुप रहेंगे, तो फिर जनता किससे उम्मीद करेगी? बिहार की जनता को अब खुद ही आगे आकर सही सरकार को चुनना होगा।”

उन्होंने विधानसभा चुनाव की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस बार जनता को लोकतंत्र का असली मतलब समझाना होगा — कि सरकारें जनता के लिए हैं, न कि सत्ता में बने रहने के लिए।

बिहार की सियासत में उबाल

सीतामढ़ी की इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से बिहार की राजनीति में कानून व्यवस्था के सवाल को केंद्र में ला खड़ा किया है। प्रशांत किशोर के तीखे बयान और मुख्यमंत्री पर सीधे हमले से सियासी हलचल तेज हो गई है। अब निगाहें राज्य सरकार की प्रतिक्रिया और पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं — क्या यह एक और मामला केवल कागज़ी कार्यवाही बनकर रह जाएगा, या पीड़िता को जल्द न्याय मिलेगा?

 

 

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