समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13नवंबर। सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (एनआईएससीपीआर) ने, 8वें आयुर्वेद दिवस को मनाने के लिए, केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) के सहयोग से, अपनी स्वास्तिक पहल के अंग के रूप में, “जीवन शैली विकारों में आयुर्वेद की भूमिका” पर 9 नवंबर 2023 को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के मुख्य वैज्ञानिक श्री आर एस जयसोमू ने प्रतिभागियों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और अपनी प्रारंभिक टिप्पणी दी। श्री जयसोमू ने आयुर्वेद को हमारे दैनिक जीवन में एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से वर्तमान प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रकाश में। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के वैज्ञानिक डॉ. परमानंद बर्मन ने केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की अनुसंधान अधिकारी (एवाई) डॉ साक्षी शर्मा का परिचय दिया।
अपने मुख्य भाषण में, डॉ शर्मा ने बीमारियों से उबरने की प्रक्रिया पर अच्छे स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पारंपरिक ज्ञान के महत्व के बारे में बताया और पहले किसी की जीवन शैली का आकलन किए बिना दवा का सहारा लेने की प्रचलित परंपरा के बारे में भी अपनी आशंका व्यक्त की। मन्त्रमुग्ध कर देने वाले इस व्याख्यान में आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं की बात की गई, जैसे प्रकृति, आयुर्वेद क्लोक, आहार आदतें, और तनाव-संबंधी स्वास्थ्य मसलों को कम करने के लिए उपाय। व्याख्यान के बाद प्रश्न-उत्तर सत्र का आयोजन हुआ। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में प्रधान वैज्ञानिक और पीआई/समन्वयक-स्वास्तिक डॉ. चारू लता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और वक्ता और श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमन रे द्वारा समन्वित नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर के साथ इस आयोजन का समापन हुआ।
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