डेटा से जमीनी स्तर के कार्यों की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी: फग्गन सिंह कुलस्ते

जलदूत ऐप का शुभारंभ : इससे देश भर में भूजल स्रोतों के जल स्तर की निगरानी को सक्षम किया जा सकेगा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28सितंबर। केंद्रीय ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल की उपस्थिति में आयोजित एक समारोह में “जलदूत ऐप और जलदूत ऐप ई-ब्रोशर” को जारी किया। इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी इस दौरान उपस्थित थे।

जलदूत ऐप को ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इस ऐप का उपयोग पूरे देश में एक गांव में चयनित 2-3 कुओं के जल स्तर की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाएगा। खुले कुओं में जल स्तर की मैनुअल निगरानी वर्ष में दो बार, 1 मई से 31 मई तक प्री-मानसून जल स्तर के रूप में और 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक उसी कुएं के लिए मानसून के बाद के स्तर के लिए मापी जाएगी। जलदूत अर्थात जल स्तर मापने के लिए नियुक्त अधिकारियों को भी माप के हर अवसर पर ऐप के माध्यम से जियो-टैग की गई तस्वीरें अपलोड करनी चाहिए।

यह मोबाइल ऐप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से काम करेगा। इसलिए इंटरनेट की कनेक्टिविटी के बिना भी जल स्तर की जानकारी प्राप्त की जा सकती है और जानकारी प्राप्त की जाने वाली तारीख भी मोबाइल में स्टोर हो जाएगी और जब मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी क्षेत्र में आएगा, तो डेटा केंद्रीय सर्वर के साथ शामिल हो जाएगा। जलदूत द्वारा प्रदान किए जाने वाले नियमित डेटा को राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (एनडब्ल्यूआईसी) के डेटाबेस के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिसका उपयोग विभिन्न हितधारकों के लाभ के लिए विभिन्न उपयोगी रिपोर्टों के विश्लेषण और प्रदर्शन के लिए किया जा सकता है। जल स्तर रिपोर्ट, मानसून रिपोर्ट और पंजीकृत उपयोगकर्ता रिपोर्ट जलदूत वेब पोर्टल पर उपलब्ध हैं।

ऐप जारी करने के कार्यक्रम के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए, श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि नए ऐप के शुभारंभ के साथ, राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेशों और ग्राम पंचायतों को भूजल स्तर के डेटा को व्यवस्थित रूप से एकत्र करने और केंद्रीय डिजिटल डेटाबेस के विश्लेषण के लिए इसे आत्मसात करने की दिशा में खुद को शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाटरशेड विकास, वनीकरण, जल निकाय विकास और पुनर्निर्माण, वर्षा जल संचयन जैसी पहलों को बढ़ावा देने के बावजूद, देश के विभिन्न हिस्सों में भूजल स्तर कम हो गया है। उन्होंने कहा कि यह ऐप देश भर में जल स्तर की निगरानी करने की सुविधा प्रदान करेगा और परिणामी डेटा का उपयोग ग्राम पंचायत विकास योजना और महात्मा गांधी नरेगा योजनाओं के लिए किया जा सकता है।

केंद्रीय राज्य मंत्री, साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने संबोधन में कहा कि देश के कई हिस्सों में भूजल का दोहन चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है और इस मुद्दे का समाधान करना प्राथमिकता है। इसलिए देश भर में भूजल के स्तर का मापन और अवलोकन आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर वर्षा जल संचयन बांध बनेंगे तो ये वर्षा के पानी के प्रबंधन और संरक्षण में उपयोगी सिद्ध होंगे।

केन्द्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकारों को ग्राम पंचायतों को शामिल करके व्यवस्थित रूप से भूजल स्तर के आंकड़े एकत्र करने की दिशा में उपाय करने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें देश भर में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए मिशन मोड पर मिलकर काम करना चाहिए।

जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए एक संसाधन पुस्तक- जलदूत को http://cgwb.gov.in (JalDootRsourceBook.pdf) पर देखा जा सकता है।

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