डीएवाई-एनआरएलएम ग्रामीण भारत में गरीबी उन्मूलन और परिवर्तन लाने वाली विश्व की सबसे बड़ी पहल है: गिरिराज सिंह
ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने 2 करोड़ 'लखपति दीदियों' को आर्थिक संबल प्रदान करने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन की, की अध्यक्षता
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7सिंतबर। दीनदयालअंत्योदययोजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने 2 करोड़ ‘लखपति दीदियों’-स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) दीदियों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। ये महिलाएं प्रति वर्ष कम से कम एक लाख रुपये की स्थायी आय अर्जित कर रही हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने लखपतिदीदी-पहल के लिए मिशन की रणनीति की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2023 को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस संबोधन में की थी। उन्होंने कहा था “आज 10 करोड़ ग्रामीण महिलाएं स्व-सहायता समूहों का हिस्सा हैं। जब आप गांव में जाएंगे, तो आपको ‘बैंकवालीदीदी’, ‘आंगनवाड़ीदीदी’ और ‘दवाईवालीदीदी’ मिलेंगी। यह मेरा सपना है कि गांवों में दो करोड़ लखपतिदीदी बने।”
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, गिरिराज सिंह ने कहा कि यह मिशन समयबद्ध तरीके से कड़ी मेहनत और बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री के सपने को वास्तविकता में साकार करने के लिए प्रेरित है। उन्होंने लखपतिदीदियों को सक्षम बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए सरकार के संपूर्ण दृष्टिकोण को अधिकतम प्रभावी बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का प्रमुख गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम डीएवाई-एनआरएलएम, निर्धनों कीआजीविका में सुधार के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पहल है।
इस सम्मेलन में भोपाल से वर्चुअल माध्यम से जुड़े ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्तेने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुरूप लखपति दीदियां अमृत काल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और परिदृश्य को गति प्रदान करेंगी।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुएग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने डीएवाई-एनआरएलएम के लखपतिदीदियों को सक्षम बनाने और इस योजना को मिशन का लक्ष्य बनाने के प्रयासों में मंत्री महोदय के मार्गदर्शन और समर्थन के लिए उनका धन्यवाद दिया। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को गति प्रदान करने के लिए इस मिशनके द्वारा लखपतिदीदी पहल का शुभारंभ किया गया,इसमें स्वयं सहायता समूह में शामिल प्रत्येक परिवार कोमूल्य श्रृंखलाइन्टर्वेन्शनके साथ-साथआजीविका की विभिन्न गतिविधियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है,इसके परिणामस्वरूप स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं प्रति वर्ष एक लाख रुपये या उससे अधिक की स्थायी आय अर्जित कर पाती हैं।
मंत्रालय के अपर सचिव और दीनदयालअंत्योदययोजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशकश्री चरणजीत सिंह ने लखपतिदीदी पहल के लक्ष्य और इसे हासिल करने के लिए अपनाई जा रही रणनीति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मिशन ने संपूर्ण समाज के दृष्टिकोण को अपनाया है, जहां स्वयं सहायता समूह परिवारों की आय बढ़ाने में सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र, बहु-पक्षीय एजेंसियों, केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) और तकनीकी संस्थानों के साथ सहयोग और साझेदारी को सुदृढ़ किया गया है।
प्रतिभागियों में सरकार और विकास क्षेत्रों के विभिन्न भागीदार और सहायता संगठन शामिल हैं और संपूर्ण भारत से राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ-साथ लखपतिदीदी क्लब में शामिल होने की इच्छा रखने वालीस्वयं सहायता समूह दीदियां और लखपति स्वयं सहायता समूह से संबद्ध दीदियां शामिल थीं। पूरे भारत से 1 करोड़ से अधिक एसएचजी दीदियां वेबकास्ट के माध्यम से सम्मेलन में शामिल हुईं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय में ग्रामीण आजीविका कीसंयुक्त सचिव स्वाति शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन में मार्गदर्शन के लिए ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस पहल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद भी दिया।उपनिदेशक, डीएवाई-एनआरएलएम, रमन वाधवा ने सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं के बारे में जानकारी दी।
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