समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 फरवरी। कर्नाटक उच्च न्यायालय में ऑल इंडिया बार एसोसिएशन द्वारा एक याचिका दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है कि हिजाब विवाद में सुनवाई के लिए पर्सनल लॉ बोर्डों के प्रतिनिधित्व का होना जरूरी है। बोर्ड के बिना मामले पर बहस अधूरी रह जाएगी। मामले की सुनवाई में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्डों को शामिल करने की मांग की गई है। अखिल भारतीय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी. अग्रवाल ने यह आवेदन दिया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि संवैधानिक वैधता की पूरी कवायद या हिजाब पहनने की आवश्यक धार्मिक प्रथा इस मामले में पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधित्व के बिना अधूरी होगी।
न्यायालय हिजाब पर हर पहलू से कर रहा गौर
याचिका में कहा गया है कि न्यायालय इस पहलू पर गौर कर रहा है कि क्या हिजाब मुस्लिम महिलाओं के लिए एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है। याचिका में कहा गया कि मामले में किसी भी पर्सनल लॉ बोर्ड का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, चाहे वह ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड हो या शिया पर्सनल लॉ बोर्ड। ये दोनों बोर्ड मुसलमानों के व्यक्तिगत कानूनों की उचित प्रयोज्यता की दिशा में काम करते हैं और उनकी राय भी बनाते हैं।
दोनों पर्सनल लॉ बोर्ड मामले का अहम पक्ष
डॉ. आदिश सी अग्रवाल ने अपनी याचिका में कहा कि भारत में मुसलमानों के दोनों पर्सनल लॉ बोर्ड तत्काल याचिका के निर्णय के लिए इन कार्यवाही में आवश्यक पक्ष हैं और इसलिए इन बोर्डों को न्याय के हित में माना और सुना जाना चाहिए। ये दोनों बोर्ड मामले की सुनवाई के लिए बेहद अहम पक्ष हैं।
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