मानहानि केस: राहुल गांधी को सूरत की सेशन कोर्ट ने मानहानि में दोष सिद्धि मामले में 13 अप्रैल तक जमानत दी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली ,3अप्रैल। सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि केस में दोष सिद्धि में अपील करने पर जमानत दे दी है.मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा को चुनौती देने वाले मामले की अगली सुनवाई 3 मई को सूरत की अदालत में होगी.

सूरत सत्र न्यायालय ने राहुल गांधी मानहानि के एक मामले में सुनवाई की अगली तारीख 13 अप्रैल तक राहुल गांधी की जमानत बढ़ा दी है. सजा पर चुनौती की सुनवाई 3 मई को होगी.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी मानहानि के एक मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए सोमवार को सूरत पहुंचे.

मानहानि के मामले में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के बाद सूरत की जिला अदालत से निकलते समय राहुल गांधी भीड़ का हाथ हिलाकर अभिवादन किया.

राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी दिल्ली से इंडिगो की फ्लाइट से सूरत पहुंचे हैं. उनके साथ कांग्रेस के कई अन्य नेता भी उनके साथ भी हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में अपनी ‘मोदी उपनाम’ वाली अपनी 2019 की टिप्पणी संबंधी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के लिए आज सोमवार को सूरत की एक अदालत में मौजूद है.

गांधी के वकीलों ने कहा कि मामले की सोमवार को ही सत्र अदालत में सुनवाई की खातिर लिया जा सकता है. कांग्रेस नेता सत्र अदालत से अपनी सजा निलंबित करने का आग्रह करेंगे.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी दोपहर करीब दो बजे सूरत पहुंचें. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के सी वेणुगोपाल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी सूरत में हैं.

सूत्रों ने बताया कि गांधी के अदालत जाने के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी हैं.

एक अदालत ने उस भाषण के लिए पिछले महीने दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई थी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के उपनाम को दो भगोड़े उद्योगपतियों के साथ जोड़ा था. उन्होंने कहा था कि चोरों का उपनाम यही कैसे होता है. अदालत ने राहुल गांधी को फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन के वास्ते जमानत दी थी. फैसले के एक दिन बाद, उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

करीब तीन बजे मामले की सुनवाई के समय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पार्टी के अन्य नेता अदालत कक्ष में मौजूद थे. राहुल गांधी और प्रियंका अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ एक लग्जरी बस में सत्र अदालत परिसर पहुंचे. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के कई अन्य नेता सूरत में मौजूद थे.

गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी….
राहुल के खिलाफ भाजपा के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उस टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें उन्होंने कहा था, सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है? गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी.

2019 में केरल की वायनाड सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए….
कांग्रेस नेता 2019 में केरल की वायनाड सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. उन्हें 23 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने दोषी ठहराया और दो साल की जेल की सजा सुनाई. निचली अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील के लिए उनकी सजा एक महीने के लिए निलंबित कर दी थी. फैसले के एक दिन बाद, राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

मंत्री रीजीजू ने राहुल के साथ पार्टी के नेताओं के जाने की योजना पर सवाल खड़ा किया…
केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को दावा किया कि कांग्रेस न्यायपालिका पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सूरत की एक अदालत में उपस्थित होने के लिए जाते समय उनके साथ पार्टी के नेताओं के जाने की योजना पर सवाल खड़ा किया. राहुल गांधी मोदी उपनाम वाले अपने बयान से संबंधित आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराये जाने के खिलाफ गुजरात के सूरत की एक अदालत में अपील दायर करने सोमवार को पहुंच रहे हैं.

सीधा सवाल है, कांग्रेस न्यायपालिका पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश क्यों कर रही है..
रीजीजू ने कहा, मेरा सीधा सवाल है, कांग्रेस न्यायपालिका पर इस तरह का अनुचित दबाव बनाने की कोशिश क्यों कर रही है. न्यायिक मामलों से निपटने के तरीके होते हैं। लेकिन क्या यह तरीका है? उन्होंने सवाल किया कि क्या पहले ऐसा कोई मामला देखने में आया है जब कोई पार्टी अदालत का घेराव करने की कोशिश कर रही है.

रीजीजू ने प्रश्न किया, क्या परिवार देश से ऊपर है?
रीजीजू ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्रवाई करता है तो वे ईडी दफ्तर का घेराव करना चाहते हैं. जब सीबीआई कार्रवाई करती है तो वे सीबीआई का घेराव करना चाहते हैं. जब अदालत फैसला सुनाती है तो वे अदालत परिसरों का घेराव करना चाहते हैं. इस तरह की गतिविधियां लोकतंत्र को कमजोर करती है और हर भारतीय को इसकी निंदा करनी चाहिए. राहुल गांधी के अदालत जाते समय उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के जाने की योजना को एक परिवार की चापलूसी करार देते हुए रीजीजू ने प्रश्न किया कि क्या परिवार देश से ऊपर है?

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