समग्र समाचार सेवा,
नई दिल्ली, 7 जून: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार की सख्त नीति को एक बार फिर स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को लेकर अब दोगलापन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। “एक का आतंकी, दूसरे का फ्रीडम फाइटर” जैसी सोच अब पूरी तरह खत्म होनी चाहिए। रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह आतंकवाद के खिलाफ गंभीर है, तो उसे मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकियों को भारत के हवाले करना होगा।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवादियों के ठिकानों पर सटीक हमला
7 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) और पाकिस्तान के अंदर आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया। ऑपरेशन में पाकिस्तानी सेना के 11 एयरबेस भी बुरी तरह प्रभावित हुए। शनिवार, 7 जून को इस ऑपरेशन को एक महीना पूरा हो गया है।
आतंकवाद पर भारत का अडिग रुख: बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अब आतंकवाद के प्रति बिल्कुल सहिष्णु नहीं रहेगा। उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। भविष्य में पाकिस्तान से किसी भी वार्ता का केंद्र आतंकवाद और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर होगा। उन्होंने पाकिस्तान से यह भी कहा कि यदि वह सचमुच आतंकवाद खत्म करना चाहता है तो उसे प्रमुख आतंकियों को तुरंत भारत को सौंपना होगा।
आतंकवाद के खिलाफ पांच सूत्रीय रणनीति का आह्वान
रक्षा मंत्री ने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के विरुद्ध मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने पांच महत्वपूर्ण बिंदु रेखांकित किए:
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आतंकवाद की एक सार्वभौमिक परिभाषा तय की जाए ताकि सभी देशों के लिए समान रूप से आतंकवाद को परिभाषित किया जा सके।
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आतंकवाद और उसके वित्त पोषण पर पूरी रोक लगाई जाए, साथ ही आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेह ठहराया जाए।
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पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर अंतरराष्ट्रीय निगरानी लागू की जाए, क्योंकि आतंकवादी यहां राज्य सम्मान पाते हैं।
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प्रॉक्सी वॉर को रोकने के लिए आतंक को बढ़ावा देने वाले देशों की पहचान कर उनका पर्दाफाश किया जाए।
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आधुनिक तकनीक जैसे AI, ड्रोन और बायोटेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी है।
भारत की बदलती सैन्य रणनीति: रक्षात्मक से आक्रामक नीति की ओर
राजनाथ सिंह ने भारत की सैन्य नीति में आए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि अब भारत आतंकवादियों के खिलाफ केवल रक्षात्मक कदम नहीं उठा रहा, बल्कि आक्रामक रणनीति अपना रहा है। 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक और हालिया ऑपरेशन सिंदूर इसके उदाहरण हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जो पाकिस्तान की कृषि और जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण थी।
आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता जरूरी
रक्षा मंत्री ने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा मानकर एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को मिलकर आतंकवाद के इस दानव को खत्म करना होगा। इस अभियान में संयुक्त राष्ट्र की व्यापक आतंकवाद निरोधक संधि को लागू करना सबसे जरूरी कदम होगा।
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